ST Strike
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    नंदुरबार: एसटी कर्मचारियों (ST Employees) की जारी हड़ताल (Strike) से एसटी के पहिए ठप हो गए हैं। इसका असर यात्रियों (Passengers) पर पड़ रहा है। अब जब स्कूल-कॉलेज शुरू हो गए हैं तो सवाल उठता है कि ग्रामीण इलाकों से शहर में शिक्षा के लिए आने वाले छात्र स्कूल कैसे जाएं। नंदुरबार जिले में कक्षा पांच से बारहवीं तक के 31 हजार 39 छात्र प्रतिदिन स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं। इतना ही नहीं, कई स्कूल ग्रामीण छात्रों के कक्षा संख्या पर निर्भर हैं, और उन स्कूलों में छात्रों की कमी है। एसटी बंद होने से जिले के सारे विद्यालय सूने सूने दिखाई दे रहे हैं।

    दिवाली की छुट्टियां खत्म हो गई हैं। स्कूल भी शुरु कर दिए गए हैं। लेकिन स्कूलों में फिलहाल स्थानिक छात्र-छात्राएं ही मौजूद हैं। या ऐसे गांव में जहां शिक्षा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो इन स्कूलों में छात्र नजर आ रहे हैं। एसटी कर्मचारियों की हड़ताल का असर स्कूलों में उपस्थिति संख्या पर पड़ रहा है। जिन छात्रों के पास स्थानीय स्तर पर स्कूलों तक पहुंच नहीं है, उन्हें शहर से आने-जाने या शिक्षा सुविधाओं के पास पर प्रतिदिन बस से यात्रा करनी पड़ती है। स्कूल सप्ताह शुरू होने के बाद भी कुछ छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।

    एसटी बंद का फायदा उठाकर निजी यात्री परिवहन ने किराया बढ़ाकर लूटना शुरू कर दिया है। इससे यात्रियों में हड़कंप मच गया है। ऐसे में रोजाना निजी वाहन से स्कूल आना-जाना छात्रों के लिए संभव नहीं है। जिन छात्रों के माता-पिता के पास अपना वाहन है, वे हर दिन उन्हें स्कूल छोड़ रहे हैं। लेकिन इसके लिए माता-पिता का काम बढ़ गया है। इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि नौकरीपेशा माता-पिता ड्यूटी पर जाएंगे या बच्चों को स्कूल छोड़ेंगे।

    31 हजार 39 छात्र बस बंद होने से स्कूल नहीं आ सकते हैं

    जिले में बस सेवा बंद होने की पृष्ठभूमि में माध्यमिक शिक्षा अधिकारी डॉ. मच्छिंद्र कदम ने एक सर्वे कराया था। जिले में पांचवीं से बारहवीं कक्षा तक कुल 290 स्कूल हैं। इनमें से 248 स्कूलों ने सर्वे में जानकारी भरी है। इस हिसाब से एक लाख 37 हजार 701 छात्र हैं। जिसमें से सिर्फ 29,000 छात्र ही मौजूद थे। यानी करीब 25 फीसदी उपस्थिति। एसटी बंद को देखते हुए ऐसी तस्वीर है कि ग्रामीण क्षेत्र के 31 हजार 39 छात्र बस बंद होने से स्कूल नहीं आ सकते हैं।

    हड़ताल के कारण छात्राएं स्कूल नहीं जा पा रही हैं

    लडकियों को शिक्षा के लिए स्कूल से आने-जाने के लिए मुफ्त यात्रा पास प्रदान किया गया है। नतीजतन, स्कूल आने वाले छात्रों की दर आधी हो गई है। इसके लिए मानव विकास मिशन के तहत अलग से बस सेवा मुहैया कराई गई है। लेकिन हड़ताल के कारण छात्राएं स्कूल नहीं जा पा रही हैं।