The Chief Minister's Office gave the answer regarding the rate of petrol in Mumbai, told the Prime Minister's statement to be false
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    नाशिक.  इंधन (Fuel) का पर्याप्त भंडारण न होने से विविध स्रोत के माध्यम से डीजल (Diesel) निर्माण का प्रयास किया जा रहा है। दूसरी ओर नष्ट न होने वाले प्लास्टिक का उपयोग भी शुरू है।  इसके चलते देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट (Indian Petroleum Institute) की ओर से प्लास्टिक से डीजल निर्मिती करने का अभिनव प्रयोग शुरू किया गया है, जो सफल हो गया है। आज की स्थिति में एक टन प्लास्टिक से 800 लीटर डीजल की निर्मिती की जा रही है। 

    गौरतलब  है कि इस प्रकल्प के लिए लगने वाली कुछ यंत्रसामग्री नाशिक के पॉजिटिव मीटरिंग पम्पस इस कंपनी से भेजी जा रहा है।  एक ओर इंधन के नैसर्गिक स्रोत कम हो रहे है तो दूसरी ओर प्लास्टिक का उत्पादन पर्यावरण को हानीकारक साबीत हो रहे है। इस टाकाऊ प्लास्टिक के कूड़े का क्या करें? यह देश के सामने बड़ा सवाल है। इन दोनों पर भारतीय पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट ने प्लास्टिक से डीजल निर्मिती करने का तकनिक विकसित किया।

    पेट्रोलियम इन्स्टिट्यूट को निधी देने का निर्णय

    दूसरी ओर केंद्र सरकार के गैस ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया इस कंपनी के पास बड़े तौर पर प्लास्टिक था, जिसे सही तरह से नष्ट करने के लिए इस कंपनी ने पेट्रोलियम इन्स्टिट्यूट को निधी देने का निर्णय लिया। इसके लिए फ्रांस के टेक्निक एफएमसी इस कंपनी ने प्लान्ट विकसित किया है। पिछले सात-आठ माह पहले यह प्रकल्प शुरू हुआ।  इसके लिए आवश्यक यंत्रसामग्री में से कुछ विशेष प्रकार के पंप नाशिक के पॉजिटिव मीटरिंग पम्पस इस कंपनी ने भेजे। इसके चलते डीजल निर्मिती में नाशिक का भी अहम योगदान है। 

    ऐसे तैयार किया जाता है डीजल

    डीजल तैयार करने के लिए प्लास्टिक को गरम किया जाता है।  इसके बाद उससे अलग अलग विषारी वायू, मूलद्रव्ये अलग होता है।  इस प्रक्रिया से डीजल भी अलग होता है।  इसमें से डीजल निकालकर विषारी वायू का सही तरह से ज्वलन किया जाता है।  साथ ही उसे नष्ट भी किया जाता है।  इस प्रक्रिया से प्लास्टिक पूरी तरह से नष्ट होता है।  साथ ही इससे डीजल निर्मिती भी हो रही है।  आज की स्थिति में एक टन प्लास्टिक से 800 लिटर डीजल की निर्मिती की जा रही है।  परंतु इस तर डीजल तैयार करने का खर्च अधिक है।  भविष्य में तकनिक और उत्पादन बढ़ने के बाद खर्च कम होगा। 

    देहरादून में प्लास्टिक से डीजल निर्मिती का प्रकल्प शुरू किया है। इस प्रकल्प के लिए हमने कुछ विशेष प्रकार के पंप भेजे है।

    - सुधीर मुतालिक, उद्यमी