Farting in front of the police officer in Austria was heavy, the person had to pay huge fine

    Loading

    नाशिक. शहर को एलईडी(LED) के माध्यम से चमकाने का दावा महानगरपालिका में सत्ताधारी भाजपा (BJP) ने किया था, जिसकी पोलखोल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) ने की। तीन माह के बाद भी दंडात्मक कार्रवाई न होने से महानगरपालिका (Municipal Corporation) के बिजली विभाग (Electricity Department) की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया गया था।

    शहर में 92 हजार एलईडी फिटिंग करने के लिए समय देने के बाद भी कामकाज पूर्ण नहीं होने से महानगरपालिका के बिजली विभाग ने टाटा प्रोजेक्ट कंपनी (Tata Project Company) को 82 लाख 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। अब तक एलईडी फिटिंग करने का काम 80 प्रतिशत पूर्ण होने का दावा महानगरपालिका के बिजली विभाग ने किया। शहर में 92 हजार एलईडी फिटिंग करने का निर्णय लिया गया। 7 बार टेंडर प्रक्रिया कार्यान्वित कर टाटा प्रोजेक्ट कंपनी को फिटिंग का कामकाज दिया गया। जुलाई 2019 में कार्यारंभ आदेश जारी किया गया।

    अगस्त 2019 से जून 2020 के बीच एलईडी फिटिंग करना अपेक्षित था। क्योंकि पहले 7 माह में 35 हजार एलईडी फिटिंग किए गए। कोरोना के चलते नवंबर 2020 तक मुदद दी गई। इसके बाद 1 दिसंबर से दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्णय महानगरपालिका के बिजली विभाग के अधीक्षक अभियंता शिवाजी चव्हाणके ने लिया। परंतु तीन माह के बाद भी दंडात्मक कार्रवाई न करते हुए एलईडी फिटिंग की संख्या बढ़ाने से बिजली विभाग की भूमिका पर संदेह लिया जा रहा था। 

    कार्रवाई में टालमटोल क्यों?

    समय पर काम न होने से स्मार्ट रोड के ठेकेदार को प्रति दिन 35 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। घंटागाड़ी समय पर न आने पर जुर्माना लगाया जाता है। पेस्ट कंट्रोल ठेकेदार पर हर दिन पेस्ट कंट्रोल न करने से दंडात्मक कार्रवाई की जाती है। केवल एलईडी फिटिंग को लेकर टालमटोल की जा रही है, जो गलत है।

    रंग लाई राष्ट्रवादी कांग्रेस की मेहनत 

    राष्ट्रवादी कांग्रेस के शहराध्यक्ष रंजन ठाकरे ने एलईडी फिटिंग कामकाज में देरी होने से राज्य सरकार के पास शिकायत की थी। इसके बाद सरकार ने महानगरपालिका से पुछताछ कर दंडात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए। राज्य सरकार के ऊर्जा संवर्धन नीति के तहत नाशिक शहर में स्मार्ट स्ट्रीट लायटिंग यह प्रकल्प पीपीपी तत्व पर शुरू किया गया। प्रकल्प में महानगरपालिका का निवेश नहीं है। साथ ही बिजली बचत से महानगरपालिका को 5 प्रतिशत हिस्सा मिलने वाला है। प्रकल्प की 84 माह देखभाल दुरुस्ती संबंधित ठेकेदार कंपनी करने वाला है। कोविड के चलते काम बंद था। सरकारी निर्देश के तहत ठेकेदार ने मुदद बढ़ोतरी करने की अपील की। इसके बाद 6 माह की मुदद बढ़ोतरी देते हुए दंडात्मक कार्रवाई करने की सूचना दी। नवंबर 2020 तक बगैर दंड मुदद दी गई। दरमियान 80 प्रतिशत काम पूर्ण किया गया। मुदद के बादभी काम पूर्ण न होने से 82 लाख 5 हजार रुपए दंड किया गया।

    10 माह तक ठेकेदार काम नहीं करते है। फिर भी सत्ताधारी भाजपा कार्रवाई नहीं करती है। गोद लिए नाशिक के महत्वपूर्ण प्रकल्पों का काम समय पर पूर्ण नहीं हो रहा है, जो अपने आप में एक बड़ी बात है। आगामी महानगरपालिका चुनाव में भाजपा को नागरिक इसका जवाब देने वाले है।

    रंजन ठाकरे, शहराध्यक्ष, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नाशिक।