Temporary bail to 200 prisoners, Suko's instructions implemented in view of Corona

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    नाशिक : कोरोना काल (Corona Period) में प्रदेश की विभिन्न जेलों (Various Jails) से 4,241 कैदियों (Prisoners) को रिहा किया गया था। छुट्टी समाप्त होने राज्य सरकार (State Government) ने आदेश जारी कर बंदियों को वापस लौटने के लिए कहा था। केवल 3,340 कैदी ही जेल लौटे हैं और 891 अभी भी बेहिसाब हैं, इनमें विभिन्न गंभीर अपराधों में उम्रकैद से लेकर सजा काट रहे कैदी शामिल हैं। इसी पृष्ठभूमि में अब जेल प्रशासन ने इन कैदियों को फरार घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सबसे ज्यादा 207 फरार कैदी औरंगाबाद जेल में हैं। 

    देश में क्षरण के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए, कैदियों को कोरोना न हो इसलिए लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान जेल के कैदियों से एक आपातकालीन वादा करने का निर्णय लिया गया। आदेश के अनुसार राज्य की जेलों में कैदियों को स्थापित करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया। कैदियों को शुरू में अधिसूचना के प्रावधानों के अनुसार और निर्धारित नियमों और शर्तों के अधीन 45 दिनों के लिए आकस्मिक अवकाश पर रिहा किया गया था। इस अवधि की समाप्ति के बाद, इसे संक्रमण रोकथाम अधिनियम के तहत 8 मई, 2020 को राजी की अधिसूचना के निरसन तक 30 दिनों की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया था। 

    3232 कैदी ही जेल वापस लौटे

    हालांकि, जैसे-जैसे कोरोना का असर कम होने के समाचार आने लगे। सरकार ने धीरे-धीरे प्रतिबंध हटा लिया। परिणामस्वरूप, 10 फरवरी, 2022 को कैदियों की छुट्टी के संबंध में जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया। जमानत पर रिहा हुए सभी बंदियों की तत्काल रिहाई को लेकर सरकार ने सर्कुलर जारी किया। जेल में प्रवेश करते समय आरटीपीआर टेस्ट भी अनिवार्य कर दिया गया था, तब से अब तक 3232 कैदी ही जेल वापस लौटे हैं, शेष 860 कैदी अभी- भी वापस नहीं लौटे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि उसके खिलाफ फरार होने का मामला दर्ज किया गया है और उसके खिलाफ संबंधित पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। 

    एक समिति के माध्यम से सजा काट रहे कुछ कैदियों को छुट्टी देने का निर्णय लिया गया। जेल के कैदियों को उनकी उम्र, जेल में इलाज, शेष सजा की अवधि आदि को देखते हुए छुट्टी दी गई थी। हालांकि सरकार के आदेश के बाद भी जेल नहीं लौटे कैदियों को फरार घोषित कर दिया गया है। अगर वह लौटता है, तो उस पर आरोप लगाए जाएंगे और जेल की सजा की अवधि बढ़ा दी जाएगी। 

    वापस न लौटे कैदी

    औरंगाबाद  207
    अमरावती  129
    नाशिक  127
    तलोजा 121
    पैठण  71
    नागपुर  71
    यरवडा  32
    मुंबई  14