Dengue-Chikungunya

    Loading

    नाशिक:  शहर में डेंगू (Dengue) और चिकनगुनिया (Chikungunya) के मरीजों (Patients) को ध्यान में रखते हुए मच्छरों (Mosquitoes) के पनपने के स्थान पाए गए हैं और दंडात्मक (Fine)कार्रवाई की गई। इस संबंध में 500 मामलों में लोगों को 500/500 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए डॉ. त्रंबके ने कहा कि शहर में डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या अगस्त में बढ़ी है।

    सितंबर में डेंगू के लिए 1591 रक्त के नमूने लिए गए, जिनमें से 256 दूषित थे। अक्टूबर में 805 नमूनों में से 162 नमूने दूषित पाए गए, जबकि नवंबर में 277 नमूनों में से 64 नमूने दूषित पाए गए। शहर में सितंबर से आज तक 64 डेंगू संक्रमित सैंपल मिले हैं। जनवरी से अब तक शहर में विभिन्न स्थानों पर 4,841 डेंगू से संबंधित नमूने लिए गए हैं, जिसमें 1,038 संक्रमित मरीज पाए गए हैं।

    चिकनगुनिया के भी मरीज मिले

    डेंगू की तरह चिकनगुनिया के भी सैंपल लिए गए। अगस्त में 628 सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 209 सैंपल बाधित पाए गए थे। 852 नमूनों में से सितंबर में 168, अक्टूबर में 322 में से 92 और नवंबर में 106 में से 33 नमूनों को संक्रमित पाया गया है। नवंबर में डेंगू चिकनगुनिया के घनत्व में गिरावट आई है। शहर में वर्तमान में शून्य बिंदु 68 प्रतिशत घनत्व है। मच्छरों की घनता जिस समय 10 प्रतिशत से अधिक होती है, उस समय संक्रमित रोग का प्रसार होता है। जनवरी से अब तक का रिकॉर्ड देखें तो चिकनगुनिया से एक भी मौत नहीं हुई है।

    चलाई जा रही मुहिम 

    पूरे शहर में अभियान चलाया गया, जिसके लिए मलेरिया विभाग ने 31 वार्डों में 62 दस्ते तैनात किए थे। घर-घर जाकर सर्वे किया गया। नागरिकों को आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध होने के कारण यह मात्रा नियंत्रण में रही। समय-समय पर जीव विज्ञान विभाग के साथ-साथ घंटागाड़ी के माध्यम से जागरूकता पैदा की गई। महानगरपालिका कमिश्नर कैलास जाधव के मार्गदर्शन में कुछ  अभियान चलाए गए और 500 मामले दर्ज किए गए। एक लाख रुपए जुर्माना वसूल किया गया। वर्तमान में यह अभियान चल रहा है। शहर में विभिन्न स्थानों पर 1061 मच्छर पैदा करने वाले टायरों को उठाया गया है। गप्पी मछली को सही जगह छोड़ा गया, इसलिए निगम मच्छरों को नियंत्रित करने में सफल रहा।