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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    नाशिक : सिडको परिसर के मिरजकर सराफ के संचालकों ने सुवर्ण संचय योजना के माध्यम से 1100 नागरिकों (Citizens) से जमा किए गए 200 करोड़ रुपए हड़प किए। इस मामले के मुख्य आरोपी हर्षल नाईक और अनिल चौघुले-औरंगाबादकर के खिलाफ सख्त कार्रवाई (Action) कर हड़प की गई रकम 30 अगस्त तक वापस करें, जिसे लेकर पीड़ितों ने पुलिस कमिश्नर जयंत नाईकनवरे (Police Commissioner Jayant Naiknavare) को ज्ञापन सौंपा। साथ ही ऐसा न होने पर जिला अधिकारी कार्यालय के सामने आत्मदहन करने की चेतावनी दी। 

    इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता गजु घोडके ने कहा, मिरजकर सराफ के संचालक हर्षद नाईक और अनिल चौगुले-औरंगाबादकर ने स्वर्ण संचय योजना और रकम को दोगुना देने की योजना घोषित की। अधिक रकम मिलने के लालच में शहर सहित जिले के नागरिकों ने इस योजना में निवेश किया। इन योजना के माध्यम से मिरजकर सराफ ने 200 करोड़ रुपए जमा कर उसे हड़प कर लिया। कुल मिलाकर मिरजकर सराफ ने 1100 नागरिकों के साथ धोखाधड़ी की। इस बारे में सभी पीड़ितों ने 2016 में पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। इसके बाद पुलिस ने हर्षद नाईक और अनिल चौगुले-औरंगाबादकर के खिलाफ मामला दर्ज किया। 7 साल बीतने के बाद भी अभी तक मुख्य संदिग्ध हर्षद नाईक पुलिस के हाथ नहीं लगा है। तो अनिल चौगुले-औरंगाबादकर को सेशन कोर्ट से डिस्चार्ज किया गया है। 

    आत्मदहन करने की चेतावनी

    पुलिस प्रशासन की लापरवाही से ही औरंगाबादकर को सेशन कोर्ट ने डिस्चार्ज दिया। इस मामले का मुख्य संदिग्ध हर्षल नाईक को तुरंत गिरफ्तार कर अनिल चौगुले-औरंगाबादकर सहित अन्य संचालकों के खिलाफ 30 अगस्त तक सख्त कार्रवाई कर पीड़ितों की रकम वापस देने की मांग को लेकर पुलिस कमिश्नर जयंत नाईकनवरे को ज्ञापन सौंपा गया है। ऐसा न होने पर 1 सितंबर से जिला अधिकारी कार्यालय के सामने आत्मदहन करने की चेतावनी दी है।  अब पुलिस प्रशासन इस मामले को लेकर क्या कार्रवाई करती है? इस ओर सभी की निगाहें लगी हुई है।