Nashik Municipal Corporation
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    नाशिक : शहर को साफ सुथरा बनाने के लिए अपर आयुक्त (Additional Commissioner) करुणा दहले (Karuna Dahle) ने कचरा निपटारा करने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले ‘ब्लैक स्पॉट’ (Black Spot) की अवधारणा का उपयोग करने का निर्णय लिया है। दहले ने कहा कि पहले चरण में अतिक्रमण (Encroachment) के काले धब्बे विभागीय अधिकारियों (Departmental Officers) द्वारा तय किए जाएंगे,  जिसके बाद उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।

    नगर क्षेत्र में कोरोना काल में अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी गयी थी। मार्च 2020 में कोरोना की पहली लहर के बाद करीब सितंबर 2021 तक अतिक्रमण हटाने पर पाबंदी थी, उसके बाद दीपावली पर्व के बाद कार्रवाई धीमी कर दी गई। कोरोना ने कई नौकरियां खो दी हैं और ऐसे में छोटे और बड़े व्यवसायों ने शहर में खाना, सब्जियां और स्टॉल बेचना शुरू कर दिया है, जहां कई मिल सकते हैं। रोजगार के मामले में भले ही संबंधितों का संघर्ष सही है, लेकिन यह शहर के सौंदर्यीकरण को कलंकित कर रहा है। साथ ही बढ़ते अतिक्रमण के कारण सड़कों और चौराहों पर जाम की समस्या भी बढ़ती जा रही है।

    इसी को ध्यान में रखते हुए अतिक्रमण विभाग अब विभिन्न कर विभागों से समन्वय कर यह पता लगा रहा है कि अतिक्रमण के काले धब्बे क्या होते हैं, इसके लिए विभागीय अधिकारियों की मदद ली जाएगी और सभी को अपने-अपने क्षेत्र में जहां-जहां अनधिकृत फेरीवाले नीति के अनुसार क्षेत्र के बाहर कारोबार कर रहे हैं, राष्ट्रीय फेरीवालों को इसकी सूचना देनी होगी, उसके बाद संबंधित को व्यवसाय के लिए वैकल्पिक स्थान पर डायवर्ट किया जाएगा और बार-बार निर्देश के बावजूद अवैध रूप से व्यापार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    अतिक्रमण उन्मूलन दस्ते पर एक नजर

    सीबीएस और अन्य चौराहों पर सड़कों पर कारोबार की अनुमति नहीं होने पर वही वेंडर रोज अपने स्टॉल लगाते नजर आते हैं। यदि इन व्यापारियों को दैनिक दंड और उनकी सामग्री की जब्ती के अधीन किया जाता है, तो उनके लिए व्यवसाय करना संभव नहीं है, इसलिए, यह संदेह है कि या तो कार्यवाही में निरंतरता नहीं है या संबंधित की सामग्री को जप्त करने के बाद फिर से आदान-प्रदान किया जाता है। दहाले ने कहा कि इस पृष्ठभूमि में अब अतिक्रमण दस्ते पर कड़ी नजर रखी जाएगी और यह पता लगाने के लिए औचक दौरा किया जाएगा कि कर्मचारी कार्रवाई कर रहे हैं या नहीं।

    132 जोन ही कारोबार के लिए चिन्हित

    राष्ट्रीय हॉकर्स नीति को लागू करने की प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी, उसके आधार पर हर सड़क जहां व्यवसाय किया जाना था, रोटेशन मोड या समय रोटेशन में किया जाने वाला कार्य, और वह स्थान जहां व्यवसाय निषिद्ध  का सर्वेक्षण करके क्षेत्रों का निर्धारण किया गया। इसके आधार पर पेडलर्स को 225 क्षेत्रों में व्यापार करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि,  इन 225 जोन में से अब तक सिर्फ 132 जोन ही कारोबार के लिए चिन्हित किए गए हैं। इंटरमीडिएट कोरोना ने सभी प्रक्रियाओं को बाधित कर दिया था। हॉकर्स नीति को लागू करने की पहल के लिए अब विभिन्न कर विभागों और अतिक्रमण विभागों की बैठक बुलाई जाएगी।

    राष्ट्रीय हॉकर के नीति को लागू करने की आवश्यकता है और यदि ऐसा होता है, तो सड़क क्रॉसिंग कम हो जाएगी, इसलिए विभिन्न कर विभागों के साथ ही अतिक्रमण विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा। साथ ही यह पता लगाने के बाद कार्रवाई की जाएगी कि किन क्षेत्रों में अतिक्रमण के ब्लैक स्पॉट हैं। -करुणा दहले, अपर आयुक्त,  नाशिक महानगर पालिका