After farmers, now trying to kill ST employees: Keshav Upadhyay

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    नाशिक : भाजपा (BJP) के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता (State Chief Spokesperson) केशव उपाध्ये ने कहा, किसानों के हित में राज्य में एक भी योजना कार्यान्वित नहीं की गई है। जो योजना शुरू है, उसमें भी राजनीति कर बंद करते हुए किसानों को महाविकास आघाड़ी सरकार परेशान कर रही  है। देवेंद्र फडणवीस जब मुख्यमंत्री थे तब राज्य में लागू की गई जलयुक्त शिवार योजना के खिलाफ चिल्ला पुकार कर किसानों को उस योजना को रोकने का आघाड़ी सरकार का षडयंत्र फेल हो गया है।

    सरकार के जलसंधारण विभाग ने इन योजनाओं का लाभ किसानों को देकर किसान विरोधी सरकार का रूप सामने लाया। इन योजना के बारे में अफवाह फेलाने वाले सरकार को किसानों से माफी मांगने की मांग भी उपाध्ये ने की। वे बुधवार को नाशिक स्थित भाजपा कार्यालय वसंत स्मृति में आयोजित पत्रकार परिषद को संबोधित कर रहे थे। इस समय भाजपा प्रदेश महासचिव विधायक देवयानी फरांदे, शहराध्यक्ष गिरीष पालवे, विधायक राहुल ढिकले, सीमा हिरे, प्रदेश पॅनेलिस्ट लक्ष्मण सावजी, संगठन महासचिव प्रशांत जाधव, पवन भगुरकर, सुनिल केदार, विजय साने, प्रविण अलई, गोविंद बोरसे आदि उपस्थित थे।

    पद की शपथ लेते ही मेट्रो कार शेड की योजना स्थगित की

    उन्होंने आगे कहा, फडणवीस सरकार की महत्वाकांक्षी योजना से राज्य का भूजल स्तर बढ़ने से लाखों किसान परिवार का जनजीवन में सुधार हुआ। ऐसी रिपोर्ट सरकार के जलसंधारण विभाग ने दी। झूठी ठाकरे सरकार ने विद्वेषी राजनीतिक के चलते फडणवीस सरकार की जनहित की योजना स्थगित करते हुए लाभ से वंचित रखा। जलयुक्त शिवार योजना पर भी आरोप करते हुए किसानों के साथ धोखाधड़ी की। केवल राजनीतिक द्वेष के चलते योजना को बदनाम करने वाले ठाकरे सरकार के महालेखाकार की रिपोर्ट में होने वाले आक्षेप को उत्तर देते समय योजना को क्लीन चीट दिया। इसके चलते ठाकरे सरकार की जन विरोधी नीति स्पष्ट हुई। मुख्यमंत्री पद स्वीकारने के बाद जनहित और विकास की एक भी नई योजना ठाकरे सरकार ने कार्यान्वित नहीं की। उल्टा जनहित की योजना बंद करवाकर राज्य का बड़ा आर्थिक नुकसान किया। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही मेट्रो कार शेड की योजना स्थगित की, जिसका हरजाना आज मुंबईवासी भुगत रहे है।

    एसटी कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया  है

    किसानों के साथ एसटी महामंडल को भी परेशान किया जा रहा है। गैरकानूनी निर्माण कार्य करते हुए कानून और नियमों की धज्जिया उड़ाकर भ्रष्टाचार के नए-नए दाखिले दिखाने वाले परिवहन मंत्री ने अनधिकृत बंगले पर करोड़ों रुपए खर्च किए। परंतु एसटी कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसके चले कई कर्मचारी आत्महत्या कर चुके है। इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार है। कई माह तक बगैर वेतन सेवा देने वाले एसटी कर्मचारियों को कम वेतन बढ़ोतरी देकर उनकी हवहेलना की गई है। एसटी महामंडल को घाटे में लाकर एसटी का निजीकरण करने और महामंडल की पूरे राज्य में होने वाली करोड़ों रुपए की संपत्ती लूटने का प्रयास किया जा रहा है।