मालेगांव : शहर में सफाई (Cleanliness) और कीटनाशक (Insecticide) दवाओं के छिड़काव न होने से बड़ी संख्या में मच्छरों (Mosquitoes) और मक्खियों (Flies) से नागरिकों (Citizen) का स्वास्थ्य (Health) खतरे में पड़ गया है। हर वर्ष 50 करोड़ से अधिक की लागत से इस शहर में समय पर हाइजीन दवाओं का छिड़काव क्यों नहीं होता है? इस मुद्दे पर मालेगांव संघर्ष समिति ने महानगरपालिका के उपायुक्त राजू खैरनार को ज्ञापन सौंपा। उक्त ज्ञापन के माध्यम से चेतावनी दी गई है कि अगर समय पर साफ-सफाई नहीं की गई, कीटनाशकों का छिड़काव नहीं किया गया तो शहर में आंदोलन किया जाएगा।
मालेगांव महानगरपालिका की सीमा के भीतर नियमित सफाई नहीं की जाती। नाले-नालियां गंदगी के बजबजा रहे हैं। नियमित रूप से कीटनाशकों का छिड़काव नहीं किया जाता है, जिससे मच्छर हर दिन बढ़ते ही चले जा रहे हैं। ज्ञापन के माध्यम से यह सवाल उठाया गया कि शहर में स्वच्छता विभाग है भी कि नहीं। महानगरपालिका के स्वच्छता विभाग ने सफाई और कीटनाशकों के छिड़काव करने के लिए करोड़ों का ठेका लिया है, फिर भी कहीं भी साफ-सफाई नहीं दिखाई देती।
शहर की सफाई पर 50 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए हैं, लेकिन मालेगांव के नागरिकों को सफाई के नाम पर केवल आश्वासन ही मिला है। मालेगांव के लोगों के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की अनिच्छा के कारण इतना पैसा खर्च करने के बाद भी शहर की छवि में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
शहर के सभी हिस्सों में तत्काल विशेष सफाई अभियान चलाया जाना चाहिए, नियमित रूप से ठोस कचरा संग्रह और कूड़े का उचित संग्रह किया जाना चाहिए, कीटनाशकों का छिड़काव नियमित रूप से किया जाना जरूरी है। इस संदर्भ में यह चेतावनी दी गई है कि अगर 20 अप्रैल तक शहर की साफ सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो 21 अप्रैल को महात्मा गांधी प्रतिमा मानसून ब्रिज पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी गई। ज्ञापन देते समय समय निखिल पवार, प्रा। अनिल निकम, देवा पाटिल, सुशांत कुलकर्णी, अतुल महाजन, दीपक पाटिल, नेविलकुमार तिवारी आदि उपस्थित थे।