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    सातपुर : इलाके में स्थित अंबड औद्योगिक एस्टेट (Ambad Industrial Estate) की प्रीमियर टूल कंपनी के व्यवस्थापन को मुंबई उच्च न्यायालय (Mumbai High Court) से जोरदार धक्का पहुंचा है। मुंबई उच्च न्यायालय ने नाशिक जिला अधिकारी (Nashik District Officer) को 3 माह के बीच रिकव्हरी सर्टिफिकेट (Recovery Certificate) पर एक्शन लेने के आदेश दिए हैं। जुलाई 2018 से, अंबड इंडस्ट्रियल एस्टेट में प्रीमियर टूल कंपनी के कर्मचारियों को कंपनी के प्रबंधन द्वारा भुगतान किया गया था।

    कंपनी के कर्मचारियों ने 33 (8) औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के तहत बकाया भुगतान की मांग करते हुए श्रम कमिश्नर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। आवेदन पर सुनवाई के बाद श्रम उपायुक्त ने कंपनी को कर्मचारियों को बकाया के रूप में 4 करोड़ 20 लाख रुपये देने का आदेश दिया था। वसूली के लिए नाशिक जिला कलेक्टर को आदेश भेज दिया गया है। जिला कलेक्टर नाशिक ने प्रीमियर टूल के खिलाफ जब्ती आदेश जारी किया। इस आदेश को प्रीमियर टूल कंपनी प्रबंधन ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इस बीच, 35 कर्मचारियों ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया। संजीव कुमार देवरे के माध्यम से एक हस्तक्षेप याचिका दायर की गई।

    हस्तक्षेप याचिका पर हाईकोर्ट में 8 सितंबर, 2021 को सुनवाई हुई थी और प्रीमियर टूल कंपनी प्रबंधन को श्रमिकों के वेतन का भुगतान करने का एक आखिरी मौका दिया गया था। इस आदेश में हाईकोर्ट ने नाशिक के जिला कलेक्टर को प्रीमियर टूल कंपनी को जब्त करने और तीन महीने के भीतर इस आदेश को लागू करने का आदेश दिया है। हस्तक्षेप याचिका में, एडवोकेट संजीव कुमार बापू देवरे ने तर्क दिया।