नाशिक. आशा समूह प्रवर्तक संगठन (Asha Group Promoter Organization) ने सरकार के खिलाफ नाशिक जिला कलेक्टर कार्यालय (Nashik District Collector Office) के सामने धरना दिया और जल्द से जल्द मानदेय (Honorarium) दिलाने की मांग की। जबकि आशा कर्मचारी इतनी मेहनत कर रहे हैं, उन्हें पर्याप्त मानदेय नहीं मिल रहा है, बस इतना ही मिलता है कि दो वक्त का खाना खा सकें। वह भी समय पर नहीं मिलता। तो आशा कर्मचारी कैसे काम करें? यह सवाल आशा कर्मचारियों ने उठाया।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। आशा समूह प्रर्वतक संगठन ने रविवार सुबह नाशिक जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना दिया। इस समय जिला अधिकारी से अतिदेय मानदेय जल्द से जल्द देने का अनुरोध किया गया।
पर्याप्त मानदेय बढ़ाने पर जोर
इस बीच, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने आशा और समूह के प्रमोटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के मुद्दे को हल करने के लिए जुलाई में मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में कामगार संगठनों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में राज्य सरकार ने आशा और समूह के प्रवर्तकों के मानदेय में 1000 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि करने का प्रस्ताव रखा था।महाराष्ट्र आशा समूह प्रवर्तक संगठन एक्शन कमेटी ने प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह स्वीकार्य नहीं है और पर्याप्त विकास पर जोर दिया।