नाशिक : पिछले साल नवंबर (November) में नाशिक जिले (Nashik District) सहित पूरे महाराष्ट्र (Maharashtra) को हिला देने वाले मालेगांव दंगों (Malegaon Riots) के मामले में अदालत ने 18 संदिग्धों की जमानत खारिज (Bail Rejected) कर दी है। 12 नवंबर 2021 को मालेगांव में हिंसक घटना (Violent Incident) हुई थी। कई दुकानों में आग लगा दी गई और तोड़फोड़ की गई। कई घायल हो गए। इस संबंध में अलग-अलग थानों में 5 मामले दर्ज किए गए हैं।
शहर थाने में दर्ज 2 मामलों में से 9 और आयशानगर थाने में दर्ज 9 मामलों में संदिग्धों ने जमानत के लिए आवेदन किया था। लेकिन इन संदिग्धों की जांच पूरी नहीं हो पाई है इसलिए, उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए एैसी पुलिस ने मांग की। न्यायाधीश ने तर्क स्वीकार कर लिया और जमानत देने से इंकार कर दिया। बता दें कि पिछले साल मालेगांव में हुई हिंसा सुनियोजित थी। पार्षद अयाज हलचल ने आपत्तिजनक वीडियो क्लिप बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसमें उसने त्रिपुरा में मुस्लिम नागरिकों के साथ अन्याय का विरोध करते हुए भड़काऊ बातें कही थीं। उसने 4 अन्य लोगों की मदद से क्लिप को विभिन्न ग्रूपों में यह कहते हुए वायरल किया कि सरकार त्रिपूरा दंगों को रोकने में विफल रही है। घटना आठ नवंबर की है। इससे मालेगांव में दंगा भड़क गया। पुलिस ने नगरसेवक अयाज हलचल समेत अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। अब इस मामले में आरोपियों की जमानत खारिज हो गई है। इसलिए हाई कोर्ट में उनकी सुनवाई होनी चाहिए एैसी मांग की जा रही है।
मालेगांव दंगा मामले में विधायक मौलाना मुफ्ती इस्माईल ने रजा एकेडमी पर आरोप लगाया था। दंगों में गिरफ्तार किए गए पार्षदों में से एक एनसीपी का है। एक संदिग्ध पार्षद जनता दल का है। मुंबई के रजा अकादमी के कुछ लोगों को दंगे भड़काने के लिए पैसे बांटे थे। दंगों से एक रात पहले दंगाइयों ने पत्थर जमा किए थे। मालेगांव बीस साल से शांत है। लेकिन उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझ कर शहर के माहोल को आग लगा रहे हैं। इस बीच मालेगांव महानगरपालिका चुनाव नजदीक हैं। उस मामले में जमानत खारिज हो चुकी है। इनमें से कई संदिग्ध विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं। इससे मालेगांव जी राजनीति को जोरदार धक्का लगा है।