Suraj Mandhare

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    नाशिक : जिला कलेक्टर (District Collector) सूरज मांढरे (Suraj Mandre) ने नाशिक (Nashik) में तेजी से बढ़ रही कोरोना मरीजों (Corona Patients) की संख्या, सरकारी रिकॉर्ड (Government Records) में दर्ज की गई कोरोना मरीजों (Corona Patients) की कम संख्या, टीकाकरण (Vaccination) की ओर नागरिकों की अनदेखी और लोगों द्वारा कुचले जा रहे कोरोना के नियम के कारण खुले पर्यटन स्थलों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं। इससे पहले भी पालक मंत्री छगन भुजबल ने इन पर्यटन स्थलों पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था।

    नाशिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है। देश भर से नागरिक विभिन्न धार्मिक समारोहों के लिए नाशिक पहुंचते हैं। रामकुंड और गोदातीरा के आसपास के इलाकों में इनकी भीड़ लगी रहती है। नदी के तट पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। लेकिन कोरोना मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए अब इस खुले पर्यटन पर रोक लगा दी गई है। साथ ही यह भी समझा जा रहा है कि इन समारोहों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या पर एक सीमा तय की जाएगी। शहर के सभी पर्यटन स्थलों पर भीड़ को तत्काल कम किया जाए, ऐसे निर्देश पालक मंत्री छगन भुजबल ने दिए हैं। इसी के तहत जिला कलेक्टर ने यह आदेश जारी किया है और अब अंजनेरी गढ़, ब्रह्मगिरि, पांडवलेणी, चांभर लेणी, रामशेज, पहिने, भावली बांध पर प्रतिबंध रहेगा।

    फिलहाल नाशिक में इनमें से कुछ पर्यटन स्थलों के नामों पर बैन है इसलिए उन्हें जाहिर नहीं किया गया है। लेकिन इस स्थलों की सूची में बढ़ोतरी ही होगी। जिला कलेक्टर ने नाशिक में खुले पर्यटन स्थलों पर भीड़भाड़ होने पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं। लेकिन, इससे कुछ हासिल नहीं होगा। क्योंकि आने वाले अधिक्तर पर्यटक बाहर अन्य राज्यों से भी आते हैं। इसलिए, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों, निजी पार्किंग स्थल, हवाई अड्डों आदि के बाहर इस तरह के संकेत लगाना आवश्यक है। क्योंकि अगर इन पर्यटकों के खिलाफ कार्रवाई की गई तो वे परेशान होंगे। खास बात यह है कि उन्हें नियमों की जानकारी होनी चाहिए। इससे प्रशासन पर भी तनाव कम होगा। लेकिन शहर में भारी भीड़ के साथ यह सवाल उठता है कि खुले पर्यटन स्थलों पर प्रतिबंध लगाने से क्या फायदा होगा?

    यहां प्रतिबंध रहेगा

    • अंजनेरी किला
    • ब्रह्मगिरी
    • पांडवलेणी गुफाएं
    • चांभर गुफाएं
    • रामशेज
    • पहिने
    • भावली बांध