निमा के लिए द्विवार्षिक चुनाव कार्यक्रम घोषित

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  • 41 पदों के लिए 29 जुलाई को होगा मतदान
  • 1 जुलाई से शुरू होगी पर्चा बिक्री
  • 14 जुलाई तक दाखिल कर सकते हैं पर्चा
  • 21 जुलाई तक वापस ले सकते हैं पर्चा
  • 30 जुलाई को होगी मतगणना

नाशिक. निमा के विश्वस्त और सत्ताधारी कार्यकारिणी में आरोप-प्रत्यारोप शुरू है. ऐसे में नाशिक इंडस्ट्रीज एंड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (निमा) द्विवार्षिक चुनाव कार्यक्रम चुनाव समिति ने घोषित किया. इसके तहत निमा पदाधिकारियों के साथ कार्यकारिणी के 41 पदों लिए 29 जुलाई को मतदान होगा. चुनाव निर्णय अधिकारी के रूप में डी. जी. जोशी का चयन किया गया है. निमा की कार्यकारिणी का समय 31 जुलाई को खत्म होने से चुनाव कार्यक्रम घोषित करने की मांग विश्वस्त मंडल ने की थी. कोविड के चलते सरकार ने चुनाव कार्यक्रम आगे लेने के आदेश दिए हैं.

इस बारे में चुनाव कराने के आदेश आने तक चुनाव कार्यक्रम घोषित न करने की मांग सत्ताधारी कर रहे थे. इस पार्श्वभूमि पर चुनाव समिति ने बैठक लेकर चुनाव कार्यक्रम घोषित किया. विश्वस्त मंडल ने चुनाव निर्णय अधिकारी के रूप में निमा के पूर्व अध्यक्ष डी. जी. जोशी, सहायक के रूप में पूर्व अध्यक्ष मधुकर ब्राह्मणकर, राजेंद्र छाजेड, आयमा के पूर्व अध्यक्ष ज्ञानेश्वर गोपाले आदि का चयन किया गया है. लवाद के रूप में महाराष्ट्र चेंबर के अध्यक्ष संतोष मंडलेचा का 3500 सदस्यों की संख्या चयन किया गा है.

3500 सदस्य वाले इस संस्था के 41 पदों के लिए 1 जुलाई से पर्चा बिक्री शुरू होगी. 14 जुलाई को पर्चा दाखिल करने का आखिरी दिन होगा. 21 जुलाई तक पर्चा वापस ले सकते हैं. 29 जुलाई को मतदान होगा. 30 जुलाई को मतगणना होगी. निमा घटना के तहत पहले वर्ष बड़े उद्योग घटक के लिए अध्यक्ष पद आरक्षित है. तो महासचिव, खजांजी प्रत्येकी 1 पद, उपाध्यक्ष 2 पद, लघु और बड़े उद्योग घटक के लिए सचिव के 2 पद, लघु और बड़े उद्योग घटक के लिए सिन्नर, दिंडोरी सहित कार्यकारिणी के 34 ऐसे कुल 41 पदों के लिए चुनाव होगा.

विश्वस्त-चयन समिति जिम्मेदार

विश्वस्त मंडल ने पद का गलत उपयोग कर कर्मचारियों पर दबाव लाकर एक सदस्य के माध्यम से सदस्यों की सूची मंगवाई, जिसका गलत उपयोग चुनाव कार्य में नहीं होगा. इस बारे में लिखित रूप से लेने के बाद चयन समिति ने चुनाव कार्यक्रम घोषित किया. पहले ही चुनाव समिति गैरकानूनी होने के बाद भी चुनाव कार्यक्रम घोषित हुआ है. कोरोना की पार्श्वभूमि पर चुनाव न लेने के आदेश सरकार ने आदेश दिए हैं. फिर भी चुनाव का निर्णय लिया गया है. भविष्य में कार्रवाई के लिए संस्था की कार्यकारिणी नहीं बल्कि चुनाव कार्यक्रम घोषित करने वाले जिम्मेदार होंगे.

 –तुषार चव्हाण, संस्था के मानद सचिव