नासिक की पूर्व मंत्री शोभा बच्छाव के खिलाफ केस दर्ज, LIC में बिना अनुमति के धरना देने का आरोप

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    नासिक : केंद्र सरकार (Central Government) के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए अडानी औद्योगिक समूह (Adani Industrial Group) ने केंद्र से विशेष मदद का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन (Protest) किया। शहर पुलिस आयुक्त के निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में पूर्व मंत्री शोभा बच्छाव (Former Minister Shobha Bachhav) सहित नासिक शहर जिला कांग्रेस (District Congress) के पदाधिकारियों (Office Bearers) और कार्यकर्ताओं (Activists) के खिलाफ मामला दर्ज किया है। केंद्र की मोदी सरकार ने मोदी सरकार पर एलआईसी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों को अडानी उद्योग समूह में करोड़ों रुपये का निवेश करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है, जबकि चुनिंदा उद्योगपतियों को पक्षपात करते हुए और आम लोगों की गाढ़ी कमाई लगाई है। 

    नासिक शहर कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को एलआईसी भवन के परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें मांग की गई थी कि इस कुप्रबंधन की संसदीय समिति के माध्यम से जांच की जाए या मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की देखरेख में की जाए। हालांकि कांग्रेस पदाधिकारियों पर इस विरोध प्रदर्शन के लिए पूर्व अनुमति न लेने का आरोप लगाते हुए पुलिस ने महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष शरद आहेर, प्रदेश प्रवक्ता हेमलता पाटिल और बबलू खैरे समेत पूर्व मंत्री बच्चाव के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 

    देशभर में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

    इस बीच कांग्रेस एलआईसी और स्टेट बैंक की शाखाओं के सामने अडानी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस इस मुद्दे पर संसद में भी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद कांग्रेस संसद में आक्रामक हो गई। सभी विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के बाद आंदोलन किया जा रहा है। देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और दो दिन पहले ही पुणे, नासिक वासियों समेत अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए थे। नासिक में विरोध के बाद पुलिस ने संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बिना किसी पूर्व अनुमति के विरोध करने का आरोप लगाया गया है। 

    कार्यकर्ताओं में सवाल, किस नेता का समर्थन करें; या विरोध करें 

    नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव के मौके पर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की तकरार खुलकर सामने आ गई है। ए बी फॉर्म से नवनिर्वाचित विधायक सत्यजीत तांबे ने सीधे तौर पर प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पर निशाना साधा। पूर्व मंत्री बालासाहेब थोरात को परेशान करने की साजिश रचने का आरोप, उसके बाद प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. हेमलता पाटिल ने ट्विटर पर खेद जताया तो अब बालासाहेब की शिवसेना और नाना साहब के बीच मनमुटाव हो गया। उन्होंने आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दर्द बयां किया। चूंकि पार्टी नेताओं के दो गुट हैं तो जाहिर तौर पर अब कार्यकर्ताओं के मन में भी सवाल है कि वे किस नेता को स्वीकार करें, समर्थन करें या विरोध करें।