ARREST
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    चांदवड : तहसील के मंगरूल निवासी विवाहिता प्रियंका निरभवणे की मौत मामले में जिला स्वास्थ्य समिति की रिपोर्ट देर रात पुलिस को प्राप्त हुई। इसके बाद 6 डॉक्टरों के खिलाफ चांदवड पुलिस स्टेशन में प्रकरण दर्ज किया गया। दरमियान पुलिस ने कार्रवाई करने के बाद शोकाकुल परिवार और ग्रामीणों ने मध्यरात्री शमशानभूमी में प्रियंका के पार्थिव शरीर पर अंतिम संस्कार किए। मंगरून निवासी विवाहिता प्रियंका विकी निरभवणे को प्रसूति के लिए चांदवड के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। सिझेरियन के माध्यम से प्रियंका ने एक बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ दिनों के बाद प्रियंका का स्वास्थ्य खराब हुआ। 

    परिणामस्वरूप उसे फिर से अस्पताल में भर्ती किया गया। स्थिति और भी खराब होने से प्रियंका को पिंपलगाव बसवंत स्थित अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया। घर लौटने के बाद उसे फिर से तकलीफ शुरू हुई। फिर से पिंपलगांव के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन कोई फायदा न होने से उसे नाशिक शहर के नामांकित अस्पताल में भर्ती किया गया। परंतु, स्वास्थ्य खराब होने से उसे मुंबई के अस्पताल में रवाना किया गया। दरमियान डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर निरभवणे परिवार से लाखों रुपए वसूले। परिवार ने प्रियंका की मौत के लिए डॉक्टरों की लापरवाही जिम्मेदार होने की बात कही। प्रियंका के शव के साथ रिश्तेदारों पुलिस स्टेशन में आंदोलन किया। 

    दवाइयां और इलाज में लापरवाही से प्रियंका की मौत हुई

    मामले की जांच के लिए वैद्ययकिय समिति गठीत की गई, जिसकी रिपोर्ट देर रात को पुलिस को प्राप्त हुई। इस दौरान मृतक प्रियंका के पति विकी पंडित निरभवणे ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा, दवाइयां और इलाज में लापरवाही करने से उनकी पत्नी की मौत हुई। इस मामले में डा. हेमंत मंडलिक (नाशिक), डॉ. दीपक पवार (चांदवड), डॉ. योगिता दीपक पवार (चांदवड), डॉ. उमेश आहेर (पिंपलगाव बसवंत), डॉ. कविता आहेर (पिंपलगाव बसवंत) और डॉ. रोहन मोरे नामक डॉक्टरों के खिलाफ सदोष मनुष्यवध का प्रकरण दर्ज किया गया। मामले की जांच पुलिस उपनिरीक्षक सुरेश चौधरी कर रहे है।