राशन दुकान कालाबाजारी के मामले में 7 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज

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    इगतपुरी : इगतपुरी तहसील (Igatpuri Tehsil) के गडगडसांगवी (Gadgadsangvi) में एक सस्ते अनाज की दुकान (Grain Shop) से काला बाजार में बेचने के लिए अनाज ले जाते समय घटना घटी। इस मामले ने अब अलग मोड़ ले लिया है और इस मामले में नासिक (Nashik) के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (Superintendent of Police) समेत छह लोगों को आरोपी बनाया गया है। 

    यह घटना नासिक जिले के इगतपुरी तहसील के वाडीवरहे पुलिस स्टेशन के अंतर्गत हुई है। यह मामला अगस्त महीने का है और यह मामला तहसील के गडगडसांगवी में एक सस्ते अनाज की दुकान के संबंध में हुआ था। कालाबाजारी की शिकायत की गई थी एक सस्ते अनाज की दुकान में चल रहा था। वाडीवरहे पुलिस स्टेशन में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, लेकिन तत्कालीन पंचायत समिति के पूर्व अध्यक्ष गोपाल लहांगे ने गाली देने का आरोप लगाया। तदनुसार, न्यायाधीश ने इस मामले में अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। गडगड़सांगवी में सस्ते अनाज दुकानदार के खिलाफ कालाबाजारी का मामला दर्ज संबंधितों के खिलाफ नाशिक ग्रामीण पुलिस, आपूर्ति अधिकारी के माध्यम से मामले दर्ज किए गए थे, इसके बाद गोपाल लहांगे ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई कि झूठे मुकदमे दर्ज किए गए। लहांगे ने आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ दर्ज मामले झूठे हैं। 

    कर्मचारियों सहित कुल सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया 

    इस पृष्ठभूमि में शिकायतकर्ता ने न्यायालय में परिवाद दायर किया, उसके बाद न्यायालय के आदेशानुसार छह व्यक्तियों के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया और इन सभी अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया गया। मामले में छह अधिकारियों और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सचिन पाटिल, इगतपुरी के तहसीलदार परमेश्वर कसूले, दो आपूर्ति अधिकारियों, वाडीवरहे पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक अनिल पवार, कर्मचारियों सहित कुल सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कहा जा रहा है कि मनसे के अधिकारियों और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा भूमि विवाद में किसी न किसी रूप में हस्तक्षेप किया गया था। लहांगे का कहना है कि बिना किसी निहित स्वार्थ के राशन दुकानदार पर इस कड़ी को रखकर झूठे मुकदमे दर्ज कराये गये हैं।