मालेगांव. कोरोना टीका (Corona Vaccine) दिए बिना प्रमाणपत्र (Certificate) देने की घटना मालेगांव (Malegaon) में सामने आई है। इस मामले में महानगरपालिका स्कूल (Municipal School) के 10 अध्यापकों (Teachers) को निलंबित (Suspended) किया गया है। नाशिक जिले में कोरोना की दूसरी लहर ने हजारों लोगों को अपना शिकार बनाया।
मालेगांव दोनों लहरों में हॉटस्पॉट रहा, जिसे ध्यान में रखकर सरकार ने टीकाकरण अभियान तेज किया। नाशिक जिले में लाखों लोगों का टिकाकरण हुआ, लेकिन टिकाकरण से संबंधित एक जानकारी बाहर आनी शुरू हो गई है। टीकाकरण के लिए अनेक स्कूलों में केंद्र निर्माण किए गए। अध्यापकों की नियुक्ती हुई। मालेगांव के संगमेश्वर वॉर्ड में जुलाई महिने में टीकाकरण अभियान हुआ। इस दौरान 2 जुलाई 2021 को नियुक्त अध्यापकों ने 13 लोगों को कोविड टीका दिए बिना ही प्रमाणपत्र देने की बात सामने आई। इससे प्रशासन अधिकारियों में सनसनी फैल गई है।
13 अक्टूबर तक कठोर लॉकडाऊन
प्रशासन ने इस मामले में 10 अध्यापकों को निलंबित कर दिया है। एक ओर अहमदनगर जिले के 61 गांवों में लॉक डाऊन के आदेश दिए गए है, जिसमें संगमनेर तहसील के सर्वाधिक 24, श्रीगोंदा तहसील के 9, राहाता तहसील के 7 और पारनेर तहसील के 6 गांव सहित अकोले, कर्जत, कोपरगाव, नेवासा, पाथर्डी, शेवगाव, श्रीरामपूर तहसील के गांव शामिल है। संबंधित गांवों में 13 अक्टूबर तक कठोर लॉकडाऊन रहेगा। इसके कारण नाशिक वासियों में चिंता देखने को मिल रही है। नाशिक जिले के सिन्नर तहसील में विगत कुछ दिनों से लगातार 200 के आसपास मरीज मिले है। सिन्नर तहसील के नागरिको का नगरवासियों के साथ लगातर संबंध आता है।इसलिए लगातार सिन्नर में मरीजों की संख्या बढ़ने की अशंका जताई जा रही है। इस बीच, अब टीकाकरण अभियान की खामिया सामने आनी शुरू हो गई है। पालकमंत्री छगन भुजबल ने इससे पूर्व कोरोना मरीज बढ़ने पर लॉक डाऊन लगाने की चेतवानी दी है।
बाहर नहीं जाने की हिदायत
निलंबित अध्यापकों को मुख्यालय से बाहर नहीं जाने की हिदायत दी गई है। जिन्हें रोज सुबह 10 बजे शिक्षा मंडल कार्यालय में उपस्थित रह कर हाजरी लगाना अनिवार्य किया गया है। निलंबन के दौरान अध्यापकों को नियमों के अनुसार निर्वाह भत्ता मिलेगा।
कमिश्नर को निवेदन
वहीं इस मामले में अध्यापक संगठनों ने नाराजगी जताई। उर्दू अध्यापक संघ ने महानगरपालिका कमिश्नर भालचंद्र गोसावी को निवेदन सौंपकर अध्यापकों का निलंबन वापस लेने की मांग कि है।