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    नाशिक : हर राज्य को प्रधानमंत्री (Prime Minister) की सुरक्षा (Security) को लेकर सावधान (Careful) रहना चाहिए। लेकिन उसी वक्त इस मुद्दे को हवा देकर चुनाव में राजनीति (Politics) नहीं हो, यह राय जिले के पालकमंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने व्यक्त किया है। पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर राज्य द्वारा लापरवाही बरते जाने का मुद्दा चर्चा में है। 

    नाशिक में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए छगन भुजबल ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा का ध्यान हर किसी को रखना चाहिए। लेकिन पंजाब का पक्ष भी सुना जाना चाहिए। ऐन वक्त में कोई बदलाव होता तो सावधानी बरतने में मुश्किल होती है। बुधवार को हेलीकॉप्टर की बजाय कार से जाने का निर्णय ऐन वक्त में लिया गया।

    दूसरी तरफ पंजाब के किसानों में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन को लेकर गुस्सा है। साढ़े सात सौ किसानों ने अपनी जान गंवाई है। अचानक हेलीकॉप्टर दौरा रद्द होना और किसानों के मन का गुस्सा इन दो बातों की वजह से यह घटना हुई। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता है कि उनकी सुरक्षा में लापरवाही की गई। इसके दोनों पक्ष है दोनों तरफ से सावधानी बरतनी होगी।

    आव्हाड की भावना को देखे

    ओबीसी लड़ेंगे नहीं, यह मंत्री जितेंद्र आव्हाड का व्यक्तिगत बयान है। इस पर छगन भुजबल ने कहा कि आव्हाड के बयान की बजाय उनकी भावना समझनी चाहिए। देश में लालू प्रसाद यादव, काशीराम जैसे कई नेताओं ने लड़ाई लड़ी है। दि. बा. पाटिल, जी जी चव्हाण, जर्नादन पाटिल जैसे कई लोगों ने लड़ाई की है। मैंने इस्तीफा दिया। जालना में मंडल आयोग की सार्वजनिक सभा हुई। जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि अन्य समाज की तरह आंदोलन से बाहर नहीं आ रहे है। उनकी भावना समझनी चाहिए। ओबीसी को भी लड़ना सीखना चाहिए। 54 फीसदी ओबीसी है। उनकी भावना थी कि इन सभी सीटों पर मुश्किल आ रही हो तो उसके खिलाफ बड़ी आवाज उठानी चाहिए।