नासिक : महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) की ओर से समय-समय पर प्रदूषण मुक्ति (Pollution Free) का दावा किया जा रहा है, लेकिन गोदावरी नदी (Godavari River) अभी तक प्रदूषण मुक्त न होने से महानगरपालिका प्रशासन द्वारा किया गया दावा फेल साबित हो रहा है। क्योंकि आज भी गोदावरी नदी में रसायन मिश्रित पानी छोड़ा जा रहा है। गोदावरी नदी में किसी भी प्रकार का विषारी पानी और ड्रेनेज का पानी न छोड़ने का दावा महानगरपालिका प्रशासन करता है।
शहर से आगे गोदावरी नदी प्रवाहित होती है। संबंधित गांव का गोदावरी नदी की स्थिति देखने के बाद प्रदूषण की गंभीरता सामने आती है। ओढा गांव से बहने वाली गोदावरी नदी में फेस मिश्रित पानी, उग्र दर्प और पानी पूरा काला दिखाई देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगा योजना के अंतर्गत गंगा नदी स्वच्छता और देशभर की प्रमुख नदियों की स्वच्छता करते हुए उन्हें प्रदूषण मुक्त करने के लिए उपाय योजना की जा रही है।
कई गांवों में नदी की स्थिति गंभीर
इसके लिए अब्जों रुपए खर्च किए जा रह है। निजी कंपनियों को प्रदूषण के बारे में कई प्रतिबंध लगाए गए है, लेकिन वह दस्तावेज तक ही सीमित है। नासिक महानगरपालिका सिमा क्षेत्र से गोदावरी नदी जैसे जैसे आगे बढ़ती है, वैसे वैसे गोदावरी नदी के प्रदूषण की स्थिति सामने आती है। ओढा गांव में गोदावरी नदी की स्थिति गंभीर दिखाई दे रही है। इसके चलते यहां की खेती और नागरिकों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है। यहां के कुए, बोअरवेल का पानी भी प्रदूषित हो गया है। यहां के पानी में क्षार का प्रमाण 1 हजार से अधिक है। इस स्थिति के लिए महानगरपालिका प्रशासन के साथ महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण महामंडल जिम्मेदार है।