नाशिक : कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के दौरान निजी अस्पताल (Private Hospitals) से मरीजों को अतिरिक्त 13 लाख 501 रुपये का मुआवजा (Compensation) दिया गया है। 21 निजी अस्पतालों ने 38 मरीजों से अधिक शुल्क लिया था। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज मिले। इस काल में सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) के साथ-साथ निजी अस्पतालों का भी विकास हुआ।
निजी अस्पतालों में आर्थिक लूट की काफी शिकायतें मिलीं। इसलिए सरकार ने पीड़ितों के लिए 80 फीसदी खाता कोरोना रिजर्व करने का फैसला किया। इसके लिए रियायती दर भी तय की गई थी। उन्होंने उन अस्पतालों की जांच शुरू की, जिन्होंने सरकार द्वारा निर्धारित दरों के अलावा अन्य शुल्क लिया है। इसमें खुलासा हुआ कि शहर के 21 निजी अस्पताल मरीजों से अतिरिक्त बिल वसूल रहे थे।
ऑडिट विभाग को दस्तावेज जमा करने का निर्देश
महानगरपालिका के ऑडिट विभाग के माध्यम से शहर के 53 निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किए गए थे। इसके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा भी दायर किया गया था। लेकिन कोर्ट ने निगम की कार्रवाई को उचित मानते हुए ऑडिट विभाग को दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया। जांच में शहर के 21 निजी अस्पतालों के खिलाफ शिकायतों में तथ्य मिले। इस अस्पताल से 13 लाख 10 हजार 501 रुपये के अतिरिक्त बिल की वसूली हुई।
मरीज के बैंक खाते में जमा कर दिया गया
ऑडिट विभाग ने अस्पतालों को नोटिस जारी कर मरीजों को अतिरिक्त राशि वापस करने का निर्देश दिया है। यह जांचने के लिए दस्ते नियुक्त किए गए थे कि क्या संबंधित रोगी के बैंक खाते में धन वापसी जमा की गई थी। बरामद अतिरिक्त राशि को निजी अस्पताल के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की चेतावनी के बाद मरीज के बैंक खाते में जमा कर दिया गया।