Farmers demand immediate compensation for crop loss
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    चांदवड़: चांदवड़ तहसील (Chandwad Tehsil) के गांवों में भारी वर्षा (Heavy Rain) के कारण खरीफ सीजन (Kharif Season Crops) की 44 हजार, 149.47 हेक्टेयर कृषि फसलों को नुकसान पहुंचा है। इससे 74 हजार, 361 किसान (Farmers) प्रभावित हुए हैं। इस नुकसान की प्रारंभिक रिपोर्ट जिलाधिकारी गंगाधरन डी., तहसीलदार प्रदीप पाटिल को दे दी गई है। बताया जा रहा है कि वापसी की वर्षा के कारण किसानों को 76.25 करोड़ रुपए की हानि हुई है।  

    इस वर्ष अच्छे मानसून के कारण किसानों ने खरीफ सीजन में मक्का, सोयाबीन, टमाटर, मूंगफली और सब्जियां बड़ी मात्रा में लगाई थीं। चूंकि शुरुआती माहौल अच्छा था, इसलिए फसलें अच्छी तरह से फली-फूलीं थीं। किसानों को उम्मीद थी कि इससे उन्हें अच्छी आय हो जाएगी, लेकिन प्रकृति का नजारा वैसा नहीं रहा, जैसा होना चाहिए था। सितंबर के महीने में वर्षा से पूरी कृषि सामग्री जलमग्न हो गई। इससे फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। 15 से 20 दिनों तक खेतों में पानी जमा रहने से फसलें सड़ गईं। इससे किसानों का पूरा खर्च व मेहनत बर्बाद हो गई। 

    तहसील के कई किसान बड़े आर्थिक संकट में

    राज्य सरकार ने संबंधित एजेंसियों को नुकसान का आंकलन करने के आदेश दिए थे। इसके अनुसार तलाठी, कृषि सहायक, ग्राम सेवक ने किसानों के बांधों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया है। इसमें 44 हजार हेक्टेयर में करीब 74 हजार किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा है। इससे तहसील के किसान बड़े आर्थिक संकट में हैं। खरीफ सीजन की फसल बेचने के बाद किसान रबी की फसल की खेती करते हैं, लेकिन खरीफ सीजन की फसलें सड़ने के कारण किसानों को रबी की फसल लगाने के लिए दोस्तों, रिश्तेदारों, साहूकारों से कर्ज लेना पड़ा है। ऐसे में दीपावली का त्यौहार आने के साथ ही किसानों के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि दिवाली कैसे मनाएं। अगर सरकार किसानों के दर्द को समझती है और दीपावली से पहले किसानों को मुआवजा देती है, तो नुकसानग्रस्त किसानों की दीपावली अच्छी हो सकती है।

    चांदवड़ तहसील में सितंबर के महीने में हुई भारी वर्षा से हुए नुकसान का आंकलन किया गया है। अनुमान है कि तहसील के 74 हजार, 361 किसानों की 44 हजार, 149.47 हेक्टेयर क्षेत्र की फसल से हाथ धोना पड़ा है।

    -प्रदीप पाटिल, तहसीलदार, चांदवड़