नासिक: नासिक शहर और नासिक जिले में जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है, वैसे-वैसे पानी की मांग (Water Demand) भी बढ़ती जा रही हैं। जिले में इस समय एक लाख से अधिक लोगों को टैंकरों (Tankers) से जलापूर्ति (Water Supply) की जा रही हैं। लोग सूखे कंठ को पानी से गीला करने के लिए टैंकर की हर दिन टैंकर की प्रतीक्षा करने में काफी समय गुजार रहे हैं। नासिक जिले के येवला, मालेगांव, बागलाण, चांदवड़, इगतपुरी, पेठ और सुरगाणा तहसील में टैंकरों की मांग बढ़ गई हैं। पश्चिमी मानसून क्षेत्र में त्र्यंबकेश्वर और कलवण के अलावा इगतपुरी, पेठ, सुरगाणा तहसील में भी टैंकरों की मांग बढ़ रही है। कम वर्षा वाले तहसीलों में पानी की कमी देखी जा रही हैं। येवला, मालेगांव, चांदवड तहसील में टैंकरों की मांग हर दिन लगातार बढ़ रही हैं।
संख्या वर्तमान में बागलाण तहसील के आठ गांवों में 11 टैंकरों पीने की पानी की जलापूर्ति की जा रही है। चांदवड के सात गांवों में 14 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। इगतपुरी के 19 गांवों में 13 टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है। पेठ और सुरगाणा तालुकों में सात और आठ गांवों में दस-दस टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। मालेगांव तहसील में 16 टैंकरों से 15 गांवों में जलापूर्ति की जा रही है। येवला तहसील में सबसे ज्यादा हालत खराब है, यहां अकाल जैसी स्थिति बन गई है। 28 गांव व 15 वाड़ी सहित 53 स्थानों पर करीब 43 हजार लोगों को 50 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। जिले की आधी प्यासी आबादी येवला तहसील की ही है। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ नवनगरों में भी जलापूर्ति की स्थिति गंभीर है, जहां अभी तक नाले और जल स्रोत नहीं पहुंचे हैं। नासिक जिले के पाथर्डी, चेहेड़ी, दरहेगांव पश्चिम में पानी की कमी के कारण पिछले कई दिनों से टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही हैं, जबकि पाथर्डी फाटा के वासी नगर क्षेत्र में रहने वाले लोगों को पिछले कई दिनों से जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
बांधों में करीब 40 प्रतिशत पानी का भंडार
वर्तमान में बांधों में करीब 40 प्रतिशत पानी का भंडारण है। पानी की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए एक निश्चित अवधि के लिए पानी की आसान आपूर्ति संभव है। घनी आबादी वाले गांवों और मुख्य शहर में पानी की कमी नहीं हैं। नासिक महानगरपालिका से सटे इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मच गया हैं और वहां टैंकरों से जलापूर्ति शुरू कर दी गई हैं। पानी की कमी को दूर करने के लिए प्रति विभाग एक टैंकर की व्यवस्था की गई है। जलदाय विभाग ने बताया कि जिन इलाकों में पानी नहीं पहुंच रहा है, वहां टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही हैं।