आरक्षण के बावजूद यात्रियों को करना पड़ा परेशानियों से भरा सफर

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    – सुधीर जोशी

    नासिक : रेल (Rail) में सफर अच्छी तरह से हो, इसके लिए यात्री सफर से लगभग दो ,महीने पहले ही आरक्षण (Reservation) करवा कर रखते हैं, लेकिन जब इन्हें अपनी सीट पर बैठने नहीं दिया जाता और एक विशेष प्रवर्ग के लोग जबरन उस सीट पर बैठ जाते हैं, जिस पर उनके बैठने का अधिकार नहीं होता, वे बड़ी शान से सफर करते हैं। नासिक से अजनी तक विगत 4 अक्टूबर को विदर्भ एक्सप्रेस (Vidarbha Express) से सफर करने वालों को उस वक्त अपनी आरक्षित सीट पर सफर करने से रोक दिया गया, जब वे अपनी निर्धारित सीट पर बैठ कर अपने गंतव्य की ओर जा रहे थे। चैत्य भूमि जाने के नाम पर बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों ने जहां एक ओर आरक्षित टिकट पर सफर करने वालों के लिए परेशानी खड़ी की, वहीं दूसरी ओर से इस लोगों ने महिला यात्रियों के साथ बदसुलूकी भी की। 

    बाबा साहेब के नाम पर बिना टिकट यात्रा करने वालों ने आरक्षित टिकट से यात्रा करने वालों को गालियां दी और कहा कि ज्यादा बोलोगे तो यहीं पर सभी को पीट देंगे। खास बात यह है कि विगत 4 अक्टूबर को मुंबई से गोंदिया की ओर रवाना हुई विदर्भ एक्सप्रेस में नागपुर तक सफर के दौरान न तो कोई टी.सी आया और न ही कोई पुलिस कर्मी यात्रियों की सुविधा के लिए आया। आरक्षित टिकट होने के बाद भी यात्रियों को न तो रात में नींद मिली और न ही कुछ खाने को मिल पाया। चैत्य भूमि जाने वाले लोगों ने विदर्भ एक्सप्रेस के यात्रियों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया, वह बहुत ही अशोभनीय है। 

    गाड़ियों में 1 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक का आरक्षण रद्द

    मनमाड से लेकर अजनी रेलवे स्टेशन तक इन यात्रियों ने हर स्टेशन पर आरक्षित टिकट के साथ सफर करने वाले यात्रियों को परेशान किया और कहा कि हमें बैठना है सीट खाली करो। खुद के पास सफर का टिकट न होने के बावजूद इस लोगों ने जिस तरह से सफर किया, उससे यात्रियों में भयंकर रोष देखा गया। इन यात्रियों ने आरक्षित टिकट से सफर वालों से यहां तक कहने में गुरेज नहीं किया कि गाड़ियों में 1 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक का आरक्षण रद्द कर दिया गया है। 

    दशहरा के मौके पर नागपुर और 6 दिसंबर को मुंबई में बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों को मानने वाले लोगों की जो भीड़ नागपुर और मुंबई में उमड़ती है, उससे आरक्षित टिकट से यात्रा करने वाले यात्रियों द्वारा जिस तरह का गंदा व्यवहार किया जाता है, उस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। 4 अक्टूबर को विदर्भ एक्सप्रेस से सफर करने वाले आरक्षित टिकटधारी यात्रियों ने बताया कि वे इस मुद्दे पर रेल मंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे गुहार लगाएंगे कि वे 6 दिसंबर और दशहरे के मौके पर आरक्षित टिकट से यात्रा करने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य तक यात्रा करते वक्त किसी भी तरह की परेशानी न हो, इस पर ध्यान रखें। 

    आक्रोश नासूर बने रेल प्रशासन सतर्क हो जाए

    रेल विभाग के अधिकारियों, टीसी और रेलवे पुलिस की इस तरह की लापरवाही यात्रियों की परेशानी बढ़ा रही, इससे पहले कि इस मुद्दे पर यात्रियों का आक्रोश नासूर बने रेल प्रशासन सतर्क हो जाए, ऐसी चेतावनी 4 अक्टूबर को विदर्भ एक्सप्रेस से यात्री करने वाले यात्रियों ने दी है और कहा है कि अगली बार दशहरे या 6 दिसंबर को किसी खास प्रवर्ग के लोगों ने इस तरह का काम किया तो उसके भयंकर परिणाम होंगे।