Panchavati Express

    Loading

    नाशिकरोड: रेलवे प्रशासन के पंचवटी एक्सप्रेस (Panchavati Express) में इस साल नवरात्रि उत्सव मनाने के लिए अनुमति न देने से 40 सालों की परंपरा खंडित (Tradition Broken) हो गई है। साथ ही यात्री भक्तों में रेल प्रशासन के प्रति रोष बढ़ गया है।  रोजगार और ब्रेड बटर देने वाले पंचवटी एक्सप्रेस को यात्री अपनी मां मानते हैं। दो बार लिम्का बुक में पंजीकरण होने वाली पंचवटी एक्सप्रेस से नौकरीशुदा, व्यापारी, विद्यार्थी, वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, महिला प्रवासी यात्रा करते हैं, इसलिए पंचवटी एक्सप्रेस में 40 सालों से नवरात्रि उत्सव (Navratri Festival) भक्ति भाव से मनाया जाता है। 

    दो माह से पत्र व्यवहार के साथ बैठक करने के बाद भी पंचवटी एक्सप्रेस में नवरात्रि उत्सव को अनुमति नहीं दी गई। इसलिए यात्रियों में रेल प्रशासन के प्रति रोष बढ़ गया है। मुंबई-मनमाड-मुंबई पंचवटी एक्सप्रेस पिछले कुछ सालों से चल रही है।  पंचवटी के लिए स्वतंत्र गाड़ी थी, लेकिन पिछले कुछ माह से यह गाड़ी जालना शताब्दी एक्सप्रेस के रूप में उपयोग में लाई जा रही है।  इसलिए नाशिकवासियों का सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम बंद कर दिए गए हैं। 

    अलग रेक देने की मांग

     पंचवटी में नवरात्रि के अवसर पर घट स्थापना कर आंबे माता की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाती थी।  मुंबई, भुसावल, नाशिकरोड स्थित रेल अधिकारियों को दो माह से मासिक पासधारक और यात्रा वेलफेयर संगठन के अध्यक्ष राजेश फोकणे, उपाध्यक्ष किरण बोरसे, संजय शिंदे, रतन गाढवे, परशराम शिंदे, पंचवटी यात्री संगठन के बालासाहब केदारे, कैलास बर्वे, देवीदास पंडित, अरुण गिरजे, मनोहर पगारे, सोमनाथ कासार, आनंद मुकणे आदि ने पत्र व्यवहार के साथ बैठक कर पंचवटी के लिए पहले की तरह स्वतंत्र गाड़ी (रेक) देने की मांग की, लेकिन इस बारे में अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है। 

    रेल प्रशासन द्वारा इस साल पंचवटी एक्सप्रेस में नवरात्रि उत्सव के लिए अनुमति न देने से कई सालों की परंपरा खंडित हो गई है। इसलिए यात्रियों में रेल प्रशासन के प्रति रोष है। जल्द से जल्द पंचवटी के लिए स्वतंत्र गाड़ी नहीं दी गई तो आंदोलन किया जाएगा।

    -किरण बोरसे, उपाध्यक्ष, छात्र संगठन