effect of corona epidemic 1 lakh students of ashram school deprived of nutritional food

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    नाशिक. आदिवासी विकास विभाग (Tribal Development Department) की ओर से शुरू आश्रम स्कूल (Ashram School) में कक्षा (Class) पहली से बारावी में 1 लाख विद्यार्थी (Student) शिक्षा (Education) ले रहे है। परंतु कोरोना महामारी के चलते आश्रम स्कूल बंद (Closed) होने से छात्र पोषण आहार से वंचित है।

    गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को शिक्षा और पोषण आहार मिले इसलिए आदिवासी विकास विभाग द्वारा सरकारी और अनुदानित आश्रम स्कूल शुरू किए। यहां के छात्रों को पोषण आहार के रूप में सुबह नाश्ता, दोपहर और शाम को भोजन दिया जाता है। परंतु कोरोना महामारी के चलते पिछले देढ़ साल से आदिवासी विकास आयुक्तालय, नाशिक के अंदर आने वाले सभी सरकारी और अनुदानित आश्रम स्कूल बंद होने से एक लाख विद्यार्थी पोषण आहार से वंचित है।

    कोरोना महामारी का प्रभाव कम होने के बाद सरकार ने 2 अगस्त से कक्षा 8वीं से 12वीं के स्कूल-कालेज शुरू किए है। परंतु छात्रों को पोषण आहार देने के लिए सेंट्रल किचन योजना बंद है। निजी व्यक्ति को भी यह काम नहीं दिया गया है। जिसके चलते छात्रों को पोषण आहार नहीं मिल रहा है। पहली से सातवी के छात्रों को शिक्षा देने के लिए विभाग ने शिक्षा सेतू अभियान योजना कार्यान्वित की है। इसके तहत बड़ी जगह पर छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। अनुदानित स्कूल के 3741 तो सरकारी आश्रम स्कूल के 2415 शिक्षक कक्षा 8वीं से 12वीं के छात्रों को पढ़ा रहे है। शिक्षा सेतू अभियान के तहत कक्षा पहली से चौथी के 23 हजार 699 तो कक्षा 5वीं से 7वीं के 30 हजार 119 छात्रों को पढ़ाया जा रहा है।

    कोरोना महामारी के चलते पिछले देढ़ साल से आश्रम स्कूल बंद है। अगस्त माह से आश्रम स्कूल शुरू हो गए है। छात्रों को पोषण आहार देने के लिए टेंडर प्रक्रिया कार्यान्वित की गई है। जल्द ही छात्रों को भोजन की सुविधा मिलेगी।

    - संदिप गोलाईत, अपर आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग, नाशिक