रोड स्वीपिंग मशीनों से सफाई प्रस्ताव पर लग सकती है रोक, जानें क्या है कारण

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    नाशिक: नाशिक महानगरपालिका कमिश्नर रमेश पवार (Nashik Municipal Corporation Commissioner Ramesh Pawar) ने शहर के 6 हिस्सों को इलेक्ट्रिक झाड़ू से साफ करने के सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) के प्रस्ताव पर रोक लगा सकते हैं। महानगरपालिका कमिश्नर ने इलेक्ट्रिक झाड़ू खरीदने की आवश्यकता क्यों है, ऐसा सवाल पूछकर प्रशासन के सामने सवाल खड़ा कर दिया है। महानगरपालिका कमिश्नर ने तकनीकी विभाग (Technical Department) के अधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक्स झाड़ू की उपयोगिता पर विचार करने के बाद इस बारे में निर्णय लेने की सलाह दी है। कहा जा रहा है कि फिलहाल इस प्रस्ताव पर रोक लग सकती है।

    लोक निर्माण विभाग की जानकारी के अनुसार, वर्तमान में नशिक शहर में लगभग 2,150 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं, इन सड़कों में से आंतरिक और बाहरी चक्कर लगाने वाली सड़कों के साथ-साथ प्रमुख डीपी सड़कों आदि को रोड स्वीपिंग मशीन द्वारा साफ किया जा सकता है। 15वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि से 6 में से प्रत्येक संभाग के लिए 6 रोड स्वीपर मशीन खरीदने के लिए 36 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।

    स्वच्छता के दृष्टिकोण से BJP ने लिया था निर्णय

    बीजेपी ने साफ-सफाई की दृष्टि से यांत्रिक झाड़ू खरीदने का निर्णय लिया था, ताकि स्वच्छ सर्वेक्षण में नाशिक शहर अव्वल आए। इसे महासभा में भी मंजूरी दी गई थी। वायु गुणवत्ता में सुधार के नाम पर नाशिक महानगरपालिका को केंद्र सरकार के 15वें वित्त आयोग के कोष से 41 करोड़ रुपए मिले हैं, जिनमें 33 करोड़ रुपए का बजट इलेक्ट्रॉनिक्स झाड़ू खरीदने के लिए रखा गया था। इलेक्ट्रॉनिक्स महासभा द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद, निविदा प्रक्रिया को अंजाम दिया गया और इसे स्थायी समिति की ओर से अनुमोदित किया गया। 

    रख-रखाव पर खर्च होंगे लाखों रुपए

    साथ ही वर्क ऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। हालांकि, अब महानगरपालिका कमिश्नर ने अधिकारियों को झाड़ू की व्यवहार्यता और आवश्यकता की जांच करने के निर्देश दिए हैं। उपकरणों की खरीद की तुलना में रख-रखाव और मरम्मत पर अधिक खर्च आएगा, इसके मुताबिक अगले 5 साल तक 5 लाख, 85 हजार, 700 रुपए प्रतिमाह खर्च होने का मतलब है कि महानगरपालिका को खरीद से ज्यादा रख-रखाव और मरम्मत पर खर्च करना पड़ेगा।