Farmer Protest

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    येवला : किसानों (Farmers) ने लगातार बिजली आपूर्ति (Power Supply) ठप रहने के मुद्दे (Issues) को लेकर आंदोलन (Movement) करके जिला प्रशासन (District Administration) और सरकार (Government) को अपनी समस्या से अवगत कराया।  बिजली आपूर्ति लगातार भंग रहने से किसानों को सिंचाई करना मुश्किल हो गया है। कई बार आग्रह करने के बाद भी बिजली आपूर्ति सुचारू न होने के कारण किसानों को भारी नुकसान सहन करना पड़ रहा है। 

    बल्हेगांव, गणेशपुर सुकी और वडगांव के किसानों ने आठ घंटे नियमित रूप से बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर महावितरण कार्यालय के समक्ष आंदोलन किया। महावितरण कंपनी के अधिकारियों की ओर से नियमित रूप से बिजली आपूर्ति का आश्वासन दिए जाने के बाद किसानों की ओर से किया गया यह आंदोलन समाप्त हुआ। 

    सरकार ने कृषि के लिए आठ घंटे बिजली आपूर्ति की घोषणा की है, लेकिन पिछले डेढ़ से दो महीने से लगातार दो से तीन घंटे भी बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है, इससे आक्रोशित किसानों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए आंदोलन शुरू कर दिया। लगातार बाधित बिजली आपूर्ति से फसलों को नुकसान पहुंचने के साथ-साथ वहां के छात्रों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। किसानों के साथ-साथ व्यवसायियों ने शिकायत की है कि इस क्षेत्र में पैठनी हथकरघा की बड़ी संख्या के कारण पैठनी बुनाई करना भी बिजली आपूर्ति न होने से मुश्किल हो रहा है। बिजली आपूर्ति भंग होने से आक्रोशित किसानों के इस अचानक आंदोलन और सवालों की बाढ़ से अधिकारी भाग खड़े हुए। 

    परेशान होकर किसानों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया 

    पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल के निजी सहायक बालासाहेब लोखंडे ने आंदोलन में हस्तक्षेप किया और संबंधितों को बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। प्रदर्शनकारियों की ओर से उप कार्यकारी अभियंता मिलिंद जाधव को ज्ञापन दिया गया। पूरे दबाव के साथ बिजली आपूर्ति बहाल करने का लिखित आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन वापस ले लिया गया। आंदोलन कर रहे किसानों ने महावितरण के अधिकारियों के सामने कहा कि हम नियमित रूप से बिजली बिलों का भुगतान करते हैं, उसके बावजूद हर दिन बिजली कटौती की जाती है। बिजली आपूर्ति सुचारू न होने के पानी का पंप नहीं चल पाता, इसलिए सिंचाई न होने के हमारी फसलें नष्ट हो रही हैं, इसलिए महावितरण की ओर से हर दिन कम से कम आठ घंटे नियमित बिजली आपूर्ति की जाए। पिछले दो महीने से बिजली आपूर्ति ठप है। महावितरण के कार्यालय में आठ से दस बार शिकायत करने के बाद भी किसानों की जब मांग नहीं मानी गई तो परेशान होकर किसानों को आंदोलन करने का रास्ता अपनाना पड़ा। आंदोलन में नाना पिंगले, दत्ता जमधे, विलास पिंगले, दत्तात्रय वाणी, सचिन जाधव, अरुण कापसे, साधन सोमासे, ध्यानेश्वर जमहड्डे, राजेश निकले, अरुण लकारे, नीलेश मलिक, बाबासाहेब जाधव, विजय कापसे, साधन कांडेकर, दत्तात्रय जाधव, अशोक जामहड्डे, विजय कापसे आदि ने भाग लिया। 

    बिजली नहीं होगी तो फसल कैसे बचेगी, इसलिए किसानों को अंत नहीं देखना चाहिए। सुचारू बिजली आपूर्ति स्थायी होनी चाहिए न कि अस्थाई।

    - नानासाहेब पिंगले, किसान, बालेगांव।