नंदगांवसदो के किसानों ने किया तहसील कार्यालय के सामने अनशन, जानें क्या है मामला

    Loading

    इगतपुरी : मुंबई-नागपुर समृद्धि हाइवे (Mumbai-Nagpur Samruddhi Highway) के एमएसआरडीसी अधिकारियों (MSRDC officials) की ओर से गलत डिजाइन बनाने के कारण, नंदगांवसदो (Nandgaonsado) के किसानों (Farmers) के खेतों में मानसून के दौरान चार महीने तक जलभराव (Waterlogging) हो जाता है, जिससे धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाती है। नंदगांवसदो के मच्छिंद्र भगत के नेतृत्व में किसानों ने मुआवजे की मांग और गलत काम को सही करने के लिए इगतपुरी तहसील कार्यालय के सामने दो दिनों से अनशन जारी है। विधायक हीरामन खोसकर ने इस बात को संज्ञान में लेते हुए एमएसआरडीसी के अधिकारियों से चर्चा कर गलत काम और मुआवजे को लेकर किसानों से बातचीत कर अनशन समाप्त कराया। 

    मिली जानकारी के अनुसार नंदगांवसदो क्षेत्र में समृद्धि हाइवे का काम चल रहा है, लेकिन एमएसआरडीसी के अधिकारियों की गलत कार्यशैली के कारण वर्षा काल में किसानों की धान की फसल को भारी नुकसान हुआ। इस गलत काम के कारण अधिकारियों ने मानसून काल में बारिश का पानी को छोड़ने के लिए बिना किसी योजना के प्राकृतिक नालों को बंद कर दिया था। इस वर्ष किसानों की पूरी फसल सड़ गई, क्योंकि किसानों के खेतों में चार महीने तक वर्षा का पानी जमा हो गया है। इस संबंध में एमएसआरडीसी के अधिकारियों को किसानों की ओर से ज्ञापन देने के बाद भी इन अधिकारियों ने किसी तरह की कोई सुध नहीं ली तो सभी किसानों ने श्रृंखलाबद्ध भूख हड़ताल शुरू कर दी। 

    निरीक्षण के बाद किसानों का अनशन समाप्त हुआ

    अंत में विधायक हीरामन खोसकर ने हस्तक्षेप किया और भूख हड़ताल स्थल का दौरा किया। साथ ही मौके पर जाकर एमएसआरडीसी के अधिकारी रियाज पच्चापुरे से चर्चा कर अनशनरत किसानों की सभी मांगों का वास्तव में निरीक्षण करने के बाद दो दिन से चल रहे किसानों के अनशन को समाप्त कर दिया गया। इस अवसर पर एमएसआरडीसी अधिकारी रियाज पच्चापुरे, तहसीलदार परमेश्वर कसूले, एस. बोर्से के साथ पूर्व विधायक पांडुरंग गांगड़, पी के ग्रुप के अध्यक्ष प्रशांत कड्ड, कांग्रेस तहसील अध्यक्ष रमेश जाधव, वरिष्ठ नेता पांडरंग शिंदे, शिवसेना तहसील प्रमुख भगवान आडोले, पूर्व पी. एस. सदस्य नंदलाल भागड़े, नारायण वलकंदे, अरुण भागड़े, दशरथ भागड़े, योगेश भागड़े, अनिल भोपे, धनराज म्हासने, नितिन गुलवे, मछिंद्र भगत, बाला दुभाशे, सदाशिव भागड़े आदि मौजूद थे।