
नाशिक. रयत क्रांति संगठन की ओर से जिला केंद्रीय बैंक के बाहर धरना प्रदर्शन (Protest) किया गया। इस मौके पर मौजूद संगठन के कार्यकर्ताओं ने सरकार और बैंक (Bank)की कार्यप्रणाली के खिलाफ नारेबाजी की। नाशिक जिला सहकारी बैंक ( Nashik Zila Sahkari Bank) में किसानों (Farmers) के साथ धोखा किया जा रहा है, उन्हें कर्ज भी नहीं दिया जाता।
कर्जदार किसानों से दादागिरी कर पैसे वसूल किए जाते हैं। बैंक की इस गुंडागर्दी के खिलाफ रयत क्रांति संगठन की ओर से विधायक और पूर्व मंत्री सदाभाऊ खोत के मार्गदर्शन में द्वारका में मुख्य कार्यालय के बाहर धरना दिया गया।
बैंक व्यवस्थापन को सौंपा मांगों का ज्ञापन
इस अवसर पर संगठन की ओर से बैंक व्यवस्थापन को ज्ञापन देकर किसानों को खरीफ फसल कर्ज तुरंत उपलब्ध कराने, 2016 के बाद कर्ज लिए हुए किसानों को दी गई 50% ब्याज सहूलियत की मुद्दत बढ़ाने और 2016 से 2020 तक के किसानों को ब्याज में सहूलियत देने की मांग की गई है। छत्रपति शिवाजी महाराज कर्ज मुक्ति वाले किसानों को फसल कर्ज दिया जाए। भूमि अभिलेख पत्र गिरवी रखने वाले और कर्ज चुकाने वाले किसानों की जमीन की नीलामी रोकी जाए और उन किसानों को बकाया कर्ज चुकाने के लिए समय बढ़ाकर दिया जाए, ऐसी मांग भी बैंक से की गई है।
हल और बैल लेकर बैंक पहुंचे संगठन के कार्यकर्ता
इस अवसर पर संगठन के कार्यकर्ताओं ने हल और बैल की जोड़ी भी बैंक के प्रांगण में लाकर बैंक के कार्यों का विरोध किया। इस आंदोलन में प्रदेश अध्यक्ष शिवनाथ जाधव, विधायक देवयानी फरांदे, बारा बलुतेदार, संगठन के अध्यक्ष बंडू बच्छाव, उत्तर महाराष्ट्र अध्यक्ष दीपक पगार, वाल्मीकि सांगले, जिला अध्यक्ष विशाल पवार, जिला अध्यक्ष डोंगर अन्ना पगार, भिका बापू धोंडगे, रमेश बापू अहिर, युराज देवरे आदि के साथ अन्य कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित थे।