प्याज की कीमत के विरोध में किसानों ने किया रास्ता रोको आंदोलन

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    देवला : नाफेड (Nafed) के माध्यम से प्याज (Onion) की खरीद पारदर्शी (Procurement Transparent) और भ्रष्टाचार (Corruption) मुक्त तरीके से और उत्पादन लागत के आधार पर न्यूनतम मूल्य पर की जानी चाहिए। अब तक बिक चुके प्याज पर 500 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी दी जाए इन मांगों को लेकर प्रहार शेतकारी संगठन (Prahar Shetkari Organization), महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संगठन (Maharashtra State Onion Producer Organization), स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (Swabhimani Shetkari Sangathan), प्रहार जनशक्ति ने देवला बाजार समिति के सामने देवला-कलवा मार्ग पर रास्ता रोको आंदोलन (Rasta Roko Andolan) किया गया। देवला के तहसीलदार विजय सूर्यवंशी और पुलिस निरीक्षक सुहास देशमुख को आंदोलन कर्ताओं की ओर से ज्ञापन दिया गया। प्याज की कीमतों में पिछले चार-पांच महीने से लगातार गिरावट आ रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। प्रहार किसान संगठन के जिला उपाध्यक्ष कृष्ण जाधव ने कहा कि तहसील में प्याज उत्पादकों की खराब हालत को देखते हुए प्याज उत्पादकों को न्याय दिलाने के लिए उक्त रास्ता रोको आंदोलन शुरू किया गया। 

    नाफेड कार्यालय बंद करने की चेतावनी

    नाफेड की प्याज खरीद पारदर्शी होनी चाहिए। नाफेड की ओर से की गई प्याज खरीद का पूरा हिसाब देना जाए, अन्यथा 23 मई के बाद राज्य भर में आंदोलन किया जाएगा, ऐसी चेतावनी प्याज उत्पादक संघ के राज्य संपर्क प्रमुख कुबेर जाधव ने दी है। जाधव ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर 23 मई तक इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया गया तो पिंपलगांव बसवंत स्थित नाफेड का कार्यालय बंद कर दिया जाएगा। जाधव ने यह भी चेतावनी दी कि अगर प्याज की कीमतों में सुधार नहीं हुआ है, तो उमराणे के राष्ट्रीय राजमार्ग को बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दिया जाएगा। 

    नेफेड का प्याज खरीदना बंद हो- बाजार भाव में गिरावट आने पर वह सामान एक दूसरे से सामान खरीद कर बाजार में लाया जाता है। नाफेड की खरीदारी प्याज उत्पादकों के लाभदायक नहीं बल्कि नुकसानदायक है। 11 रुपये 65 पैसे का भाव ठीक नहीं है। कम से कम 30 रुपये प्रति प्याज खरीदी जाए, अन्यथा नाफेड से प्याज की खरीद बंद कर दी जाए। प्याज उत्पादक संघ के तहसील प्रमुख विकास रौंदल भी 11.65 रु भाव को भाव की बिक्री से सहमत नहीं हैं। 

    चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा

    प्याज उत्पादक संघ के उत्तर महाराष्ट्र प्रमुख अभिमान पगार ने कहा कि अगर सरकार प्याज बाजार मूल्य पर ध्यान नहीं देती है। तो उसे आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के जिला अध्यक्ष राजू शिरथ ने चेतावनी दी कि चाकन/ मंचर पर फिर से आंदोलन किया जाएगा। कार्टूनिस्ट किरण मोरे ने काव्यात्मक तरीके से किसानों की दुर्दशा की ओर ध्यान दिलाया। अगर सरकार ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो प्याज उत्पादक वनवास में चले जाएंगे और इसकी पूर्ति जिम्मेदारी सरकार की होगी। प्याज उत्पादक संघ के जिलाध्यक्ष जयदीप भडाने का कहना है कि भाव ऐसा होना चाहिए, जिससे किसी को कोई नुकसान न हो। जिला युवा कार्यकारी अध्यक्ष शेखर कपदानिस ने भी प्याज उत्पादकों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकृष्ट किया। 

    इस मौके पर संजय दहीवाडकर, हरि सिंह ठोके, अर्जुन देवरे, नानाजी आहेर, हेमंत निकम, पंकज सूर्यवंशी, दशरथ पुरकर, प्रीतेश बागुल, प्रहार महिला प्रतिनिधि अनीता देसाले, हेमलता देसाले, ललिता आहेर, अभिमान पगार, शेखर कपदानिस, शिवाजी पवार, दिगंबर धोंडगे, भगवान जाधव, केड़ा पगार, हर्षल अहिरे, समाधान गुंजाल, हेमंत बिरारी, संजय मगर, किरण सोनवणे, पंकज बोरसे, धनंजय बोरसे, अमर जाधव, संजय गरुड़, तात्याभाऊ निकम, अशोक सावकर, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के गोविंद पगार। अन्य के साथ प्याज उत्पादक बड़ी संख्या में मौजूद थे।