मालेगांव. मालेगांव शहर (Malegaon City) इन दिनों कोरोना (Corona) का हॉटस्पॉट (Hotspot) बनते जा रहा है। शहर में कोरोना के मरीजों (Patients) की बढ़ती हुई संख्या से हालात फिर पहले जैसी होने लगी है। प्रशासन पर उपायों और खर्च का बोझ बढ़ गया है। इसलिए 14वें वित्त आयोग की धनराशि के ब्याज की रकम को कोविड पर खर्च करने का निर्णय मनपा महासभा में लिया गया है। महापौर ताहेरा शेख, उपायुक्त नीलेश अहेर, उपायुक्त नितिन कपडणीस और नगर सचिव शाम बुरकुले की उपस्थिति में एक ऑनलाइन आम बैठक आयोजित की गई। कोविड खर्च के मुद्दे पर चर्चा के दौरान, नगरसेवकों ने प्रशासन को आड़े हाथों लिया। भाजपा समूह के नेता सुनील गायकवाड़ ने कोरोना मरीजों के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesiveer Injection) न मिलने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि उनके संस्थान ने कम कीमत पर मरीजों को इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए कदम बढ़ाया है।
दूसरी ओर मदन गायकवाड़ ने कहा कि मरीजों की रिपोर्ट के बारे में उन्होंने मनपा में व्यक्तिगत रूप से अराजकता का अनुभव किया है। उन्होंने यह भी मांग की कि कोविड केंद्र में मरीजों की खराब स्थिति पर ध्यान दिया जाए। इसी के साथ ताजिया घर और गणेशकुंड का मुद्दा लंबित होने के कारण नगरसेवकों ने भी नाराजगी व्यक्त की। डिप्टी मेयर नीलेश अहेर ने कहा कि भूमि रिकॉर्ड विभाग ने टेहरे फाटा में प्रस्तावित गणेश कुंड स्थल के सर्वेक्षण के लिए पहले ही भुगतान कर दिया है और जल्द ही गणेश कुंड स्थल के सर्वेक्षण के बाद काम शुरू हो जाएगा। संगमेश्वर क्षेत्र से पार्षद सखाराम घोडके ने संगमेश्वर सर्वे नंबर 1291 में एक पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव रखा।
शहरी बेघरों के घर निर्माण के लिए भूमि
भाजपा पार्षद सुनील गायकवाड़ ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई और कहा कि तत्कालीन राज्य सरकार ने पार्क के निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपए मंजूर किए थे और 15 प्रतिशत धनराशि सरकार ने भेजी थी। इसलिए उन्होंने मांग की कि इस पार्क के लिए 14वें वित्त आयोग के फंड से कोई खर्च नहीं किया जाना चाहिए। भाजपा पार्षद दीपाली वारुले ने मांग की कि पार्क का नाम संत सावता माली रखा जाए। इसके साथ सायने शिवार में उपलब्ध स्थान पर शहरी बेघरों के लिए घरों का निर्माण करने के लिए भूमि प्रदान करने के लिए स्वीकृति दी गई।