Nashik Municipal Corporation
File Photo

    Loading

    नाशिक : नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) के अब तक के इतिहास (History) में कभी ऐसा नहीं हुआ कि एक विभाग ने दूसरे विभाग को दूसरे विभाग को नोटिस (Notice) भेजा हो। नाशिक महानगरपालिका के धनकचरा प्रबंधन विभाग (Waste Management Department) ने नगर नियोजन विभाग (Town Planning Department) को नोटिस भेजकर बिल्डरों से पूछा है कि पिछले कुछ दिनों से शहर में कम- ज्यादा वर्षा क्यों हो रही है। वर्षा न होने की वजह से रास्तों पर गड्ढे हो रहे हैं। रास्तों पर बड़े प्रमाण पर कीचड़ हो गया है। इस कीचड़ की वजह से कई वाहन चालक गिरकर घायल हुए हैं। शहर के रास्तों की हालत वैसे भी बहुत खराब है, ऐसे में महानगरपालिका के दो विभागों के बीच नोटिस युद्ध जारी होना ठीक नहीं है। 

    जनता का कहना है कि महानगरपालिका के दो विभाग आपसी लड़ाई छोड़कर शहर की खस्ताहाल सड़कों की हालत सुधारनी चाहिए। दोनों विभागों के बीच जारी नूरा कुश्ती की वजह से महानगरपालिका की छवि तो खराब हो ही रही है, साथ ही लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में अच्छा तो है कि दोनों विभाग मिलकर सड़कों की हालत सुधारने के लिए क्या किया जाए इस पर गंभीर चिंतन जरूरी हो गया है। निर्माण कार्य विभाग गड्ढों पर मुरुम डाल कर गड्ढों को पाट रहा है। 

    नोटिस भेजकर तत्काल कार्रवाई की जाए

    बारिश के कारण मुरुम गड्ढे पर टिक नहीं पा रहा है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग की ओर से किए गए सर्वेक्षण से इस बात का पता चला है कि निर्माणाधीन क्षेत्र में बड़ी मात्रा में मिट्टी है। निर्माण सामग्री सड़क पर फेंके जाने से क्षेत्र में कीचड़ के कारण स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा हो गई हैं। इस पृष्ठभूमि में ठोस कचरा प्रबंधन विभाग ने निर्देश दिया है कि शहर में निर्माण पेशेवरों को नोटिस भेजकर तत्काल कार्रवाई की जाए। जिन क्षेत्रों में निर्माण कार्य चल रहा है, वहां निवारक उपाय करना बिल्डरों की जिम्मेदारी है। स्वास्थ्य विभाग के पास कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है, लेकिन चूंकि नगर नियोजन विभाग, जो अनुमति दे रहा है, के पास कार्रवाई करने का अधिकार है, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग के निदेशक ने कहा कि हमने उस विभाग को नोटिस भेजा है और उन्हें कार्रवाई करने का निर्देश दिया। घनकचरा व्यवस्थापन विभाग के संचालक डॉ. आवेश पलोड का कहना है कि एक विभाग का दूसरे विभाग को नोटिस भेजना ठीक नहीं है।