नाशिक में गणेश मंडल हुए आक्रामक, महानगरपालिका को दी चेतावनी

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    नाशिक. नाशिक (Nashik) में गणेश मंडलों (Ganesh Mandals) ने चेतावनी दी है कि नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) को बड़े पैमाने पर लगाए गए मंडप और विज्ञापन शुल्क (Advertisement Fee) को कम करना चाहिए, नहीं तो हम अंधेरे में बप्पा (Bappa) की स्थापना करेंगे। इस घोषणा से नाशिक के सार्वजनिक गणेश मंडलों में संघर्ष की चिंगारी भड़क गई है।

    नाशिक में गणेश मंडलों पर लगने वाले शुल्क को लेकर समीर शेटे की अध्यक्षता में सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें 750 रुपये के मंडल अनुमति शुल्क में कमी की मांग की गई। वहीं महानगरपालिका ने कई मंडलों को अनुमति देने से इंकार कर दिया है। महावितरण ने भी बिजली की अनुमति नहीं दी। क्योंकि महावितरण महानगरपालिका की अनुमति के बिना किसी भी कार्यक्रम में बिजली की आपूर्ति नहीं करता है। इस नीति का विरोध करने के लिए इस बैठक में गणपति को अंधेरे में स्थापित रखने और आरती करने का निर्णय लिया गया है। एक तरफ गणेश मंडल फीस से नाखुश हैं। वहीं दूसरी ओर पुलिस विभाग से स्वतंत्र अनुमति मांगी जाए। इसलिए गणेश मंडल पुलिस से भी नाराज हैं।

    ऑफर्स की धज्जियां उड़ा दी

    पिछले दो वर्षों में शहर में कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हुआ है। उम्मीद की जा रही थी कि इस साल गणेशोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। लेकिन महानगरपालिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त शुल्क, महावितरण का अनुमति देने से इंकार और पुलिस की अनुमति लेना जरुरी है। अगर कोरोना के मरीज बढ़तें हैं तो उसकी भी तलवार गणेश मंडलों की गर्दन पर लटक रही है। व्यापारियों के लिए गणेशोत्सव, नवरात्री, दशहरा, दिवाली खुशी के पर्व हैं। इस दौरान बड़ा कारोबार हो रहा है। बड़े मॉल, बड़ी कंपनियां तरह-तरह की खरीदारी पर ऑफर दे देते है। वर्तमान में नाशिक में छोटे किराना दुकानदारों ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ऑफर्स की धज्जियां उड़ा दी है।