Godavari River

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    नाशिक : विजयदशमी पर गोदाघाट इलाके में फूल विक्रेताओं की भीड़ लगी हुई थी। दिन भर फूलों की बिक्री करने के बाद बचे हुए फूलों को इसी इलाके में नदी के किनारे छोड़ दिया गया है। वहीं गोदावरी नदी (Godavari River) के किनारे के साथ-साथ नदी में भी अन्य सामग्री पूजा होने के बाद फेंक देने से गोदावरी नदी के पानी में कचरा (Garbage) जमा होने लगा है। कचरे और फूलों के सड़ने से इलाके में दुर्गंध फैल रही है। इस इलाके में सफाई को लेकर नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) लापरवाह दिखाई दे रही है। जबकि महानगरपालिका प्रशासन जानता है कि विजयदशमी पर यहां फूलों के साथ अन्य कचरा भारी मात्रा में जमा होते हैं, फिर भी दो दिन हो जाने के बाद भी महानगरपालिका का सफाई विभाग आंख बंद कर बैठा है। 

    नदी के पानी में कचरा सड़ने के बाद पानी पूरी तरह से दूषित हो जाता है। गोदावरी में स्नान करने के लिए आने वाले भक्तों को इस गंदगी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि गोदाघाट पर जमा कचरा महामारी को आमंत्रण दे रहा है। नदी किनारे कचरे के सड़ने से भारी दुर्गंध के कारण यहां रुकना कठिन हो गया है, लेकिन नाशिक महानगरपालिका आंख मूंदे बैठी है। 

    मंदिर ट्रस्ट भी सफाई को लेकर गंभीर नहीं

    घंटागाड़ी भेज कर विशेष सफाई कराने की बजाय भारी मात्रा में जमा कचरे को महानगरपालिका प्रशासन भी देख रहा है, लेकिन लापरवाही के चलते इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में नागरिकों को होने वाली परेशानी को देखते हुए यहां के मंदिर ट्रस्ट भी सफाई को लेकर महानगरपालिका से शिकायत करते नहीं दिखाई दे रहे हैं।

    एक ओर कुछ संस्थान गोदावरी की महाआरती कर सफाई की शपथ ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गोदावरी का कचरे से भरा रूप भी नागरिकों के सामने है। भक्त महानगरपालिका से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द नदी किनारे के साथ- साथ पानी में रुका हुआ कचरा साफ किया जाए। नाशिक महानगरपालिका प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।