Godavari river above danger mark, Nashik city becomes water

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    नाशिक. नाशिक (Nashik) के सभी बांध क्षेत्रों में लगातार बारिश (Rain) जारी है। बांध (Dam) भर जाने से गोदावरी नदी (Godavari River) का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया है। नाशिक शहर में दोमुखी मारुती कर प्रतीमा नदी में डूब गई है। साथ ही पंचवटी के सारे मंदिर छतों तक पानी में डूबे हुए हैं। रामसेतु ब्रिज तक पानी बढ़ गया है। इसलिए सराफ बाजार के भी पानी में डूबने की संभावना है।

    पंचवटी इलाके के सारे छोटे व्यापारी सराफ बाजार इलाके में अपनी दुकानों के साथ जमा हो गए हैं। सराफ बाजार में भारी भीड़ लग गई है। सभी अपना सामान बचाने की चिंता में लगे हुए हैं। प्रशासन ने नागरिकों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। गंगापुर बांध के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है। नाशिक सहित उत्तरी महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण नाशिक शहर में बाढ़ की चेतावनी दी गई है। पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने नाशिक के ग्रामीण इलाकों में दस्तक दे दी है। भारी बारिश के कारण मनमाड, नांदगांव, मालेगांव, चांदवड़, सटाणा और देवला इलाकों की सभी नदियां, नाले जलमग्न हो गए हैं। भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।

    नदी नालों में बाढ़, घरों में भरा पानी 

    नांदगाव की शकांबरी, लेंडी, मन्याड, मनमाड शहर से बहने वाली पांझन, रामगुलणा, मालेगांव की गिरणा, मोसम नदियों के साथ अन्य नदियों में भी बाढ़ का पानी बह रहा है। गोदावरी और कुछ अन्य नदियों में इतना पानी भर गया है कि इसने रौद्र रुप धारण कर लिया है। नदी के किनारों के अनेक रास्ते, छोटे पूल पानी में डूब गए हैं। जिससे गांव, बाडों और बस्तियों का एक दुसरे से संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। खेतों में चारो तरफ पानी ही पानी हो जाने से सैकडों हेक्टेअर पर लगाई गई प्याज, मकई, बाजरा, मुंग, कपास और अन्य फसलों को नुकसान हुआ है। कुछ इलाकों में घरों में पानी भर गया है जिससे संसार उपयोगी सामान को भारी नुकसान होता देखा गया है। गुलाब तूफान जैसे नैसर्गिक आपत्ती के कारण हजारों नागरिक और किसान संकट से जूझ रहे हैं। मंगलवार और बुधवार इन दो दिनों में पूरे नाशिक जिले के साथ उत्तर महाराष्ट्र में बारिश के प्रकोप लगातार जारी है।

    गंगापूर बांध से और छोड़ा जा सकता है पानी 

    गंगापुर बांध से पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद नाशिक के गोदा घाट इलाके में एक बार फिर पानी बढ़ गया है। रामकुंड इलाके में दो मुखी मारुती पानी में डूब गया है और रामकुंड इलाके के कई मंदिर में पानी भर गया है, कुछ मंदिर जो नदी के करीब हैं वह छतों तक पानी में डूबे हुए हैं। शाम को और पानी छोड़े जाने की संभावना को देखते हुए गोदा घाट क्षेत्र के निवासियों को सतर्क कर दिया गया है। गंगापुर बांध से दोपहर में 15000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पिछले दो वर्षों में सबसे अधिक जल निकासी है। इसलिए गोदा घाट के नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने जानवरों को खुला ना छोड़ने और सुरक्षित स्थान पर बांधे रखने की सलाह दी है। त्र्यंबकेश्वर इलाके में मूसलाधार बारिश से खतरा बढ़ गया है।इस बीच, बाढ़ के पानी में फंसे एक बच्चे सहित 12 नागरिकों को अथक प्रयास के बाद बचा लिया गया है। नाशिक जिले के गंगापुर तहसील में शिरजगांव शिवना नदी में नागरिक फंसे हुए थे। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा।

    चालीसगांव : पुराने गांव और नए गांव का संपर्क टूटा

    गांव के दोनों पुलों के ऊपर से तितूर पर्वत नदी का पानी बह रहा है। शिवाजी घाट, अन्नाभाऊ साठे नगर, भीमनगर भील वस्ती, साप्ताहिक बाजार में पानी भर गया है। इस वजह से 24 घंटे के लिए पुराने गांव और नए गांव का संपर्क टूट गया है।

    मनमाड : नंदगांवकर फिर घबराए, शहर में फिर बाढ़ आ गई 

    नांदगांव शहर में लांडी नदी में पानी भर गया है। शाकंभरी नदी का पानी भी बढ़ने लगा है। फ्लड ब्रिज, दत्ता मंदिर चौक, फुले चौक, गांधी चौक के नागरिक अपना सामान समेटने के लिए दौड़ रहे हैं। नदी किनारे के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। नगर परिषद प्रशासन ने नागरिकों को चेतावनी जारी की है।