गोदावरी नदी बन रही है गंदगी का मंजर

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    नाशिक : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पद स्पर्श से पावन हुई नाशिक (Nashik) नगरी में बहने वाली गोदावरी नदी (Godavari River) दिनों दिन गंदी (Dirty) होती जा रही है। कहा जा रहा है कि इसकी साफ-सफाई के लिए तैनात लोग काम पर आते ही नहीं। गोदावरी नदी तट पर दुकान लगाने वाले बताते हैं कि वे हर दिन मैली होती गोदावरी नदी को देख रहे हैं, उनका कहना है कि किसी को भी गोदावरी नदी की साफ-सफाई से कोई लेना-देना नहीं है। गोदावरी नदी के तट पर दुकान लगाने वाले एक दुकानदार ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे, उस वक्त रामकुंड समेत गोदावरी नदी की साफ-सफाई के लिए 4 करोड़ की निधि मंजूर की गई थी, लेकिन यह निधि सिर्फ कागजों पर दिखी। वास्तविकता में यह निधि आज तक नहीं आई। इस दुकानदार ने यह भी आरोप लगाया कि ठेकेदार और नगरसेवक की जुगलबंदी के कारण गोदावरी नदी की गंदगी बढ़ रही है। 

    गोदावरी नदी के तट पर पिछले 40 वर्ष के दुकान लगाने वाले दुकानदार ने बताया कि हम अगर कुछ बताएंगे तो महानगरपालिका के अधिकारी हमें परेशान करेंगे। इस दुकानदार ने भी नाम न बताने की शर्त पर बताया कि पिछले सिंहस्थ कुंभ से अब तक गोदावरी नदी की सफाई और उसके तट पर व्याप्त समस्याओं की ओर जरा सा भी ध्यान नहीं दिया गया है। न तो प्रभाग के अंतर्गत आने वाले किसी नगरसेवक को स्वच्छ सुंदर गोदावरी नदी की आस है और न ही महानगरपालिका की ओर से तैनात सफाई कर्मियों को इसकी फिक्र है। हर दिन हजारों लोग गोदावरी नदी पर आते हैं, कोई घूमने के लिए आता है, कोई स्नान करने के लिए आता है तो कोई धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए गोदावरी नदी पर आता है। 

    गंदगी के लिए सिर्फ नगरसेवक और ठेकेदार जिम्मेदार

    नदी में स्नान करने के लिए आने वाले और घूमने आने वालों में से विरले ही ऐसे होते हैं। जिन्हें गोदावरी नदी के स्वच्छ रहने की आस रहती है। नाशिक महानगरपालिका की ओर से गोदावरी की स्वच्छता का ठेका दिया गया है। लेकिन जिन्हें ठेका दिया गया है। वे सचमुच गोदावरी की सफाई की ओर से ध्यान देते हैं। अगर ऐसा पूछा जाए तो उत्तर होगा नहीं गोदावरी नदी के तट पर दुकान लगाने वाले कहते हैं कि गोदावरी नदी की गंदगी के लिए सिर्फ और सिर्फ नगरसेवक और ठेकेदार जिम्मेदार हैं। नाशिक महानगरपालिका प्रशासन गोदावरी नदी की जिम्मेदारी ठेकेदार को देकर चैन की नींद सो रही है। इसलिए गोदावरी दिन-दूनी रात चौगुनी मैली होती जा रही है।