नाशिक: भारतमाला के अंतर्गत भारत से नाशिक (Nashik) जिले से गुजरने वाले बहुचर्चित ग्रीनफील्ड हाइवे (Greenfield Highway) का किसानों (Farmers) ने विरोध करना शुरू कर दिया है। आडगांव, लाखलगांव, ओढ़ा और विंचूर के किसानों ने भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने अपना मामला शिवसेना सांसद हेमंत गोड़से (Shiv Sena MP Hemant Godse) के सामने रखा। साथ ही मांग की गई कि इस मार्ग के भूमि अधिग्रहण का मुआवजा कैसे दिया जाएगा, इसकी जानकारी पहले से दी जाए।
नाशिक जिले से समृद्धि महामार्ग के बाद ग्रीनफील्ड महामार्ग भी गुजर रहा है। भारतमाला स्कीम के अंतर्गत यह महामार्ग सूरत से चेन्नई जाऐगा। यह महामार्ग नाशिक जिले के 609 गांवों से गुजरेंगा। इसके लिए 996 हेक्टेअर भूमि का संपादन किया गया है। फिलहाल जमीन का मूल्य तय नहीं किया गया है। क्योंकि इस समय नाशिक जिले में जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं। उसे हेक्टेयर के लिए करोड़ों रुपये मिल रहे हैं। इसलिए किसान सवाल कर रहे हैं कि क्या सरकार बाजार भाव के हिसाब से जमीन का भुगतान करेगी।
गांवों में बागों का स्वामित्व किसानों के पास
ग्रीनफील्ड हाइवे के किनारे आडगांव, लाखलगांव, ओढ़ा और विंचूर गांवों में बागों का स्वामित्व किसानों के पास है। लेकिन किसानों का आरोप है कि इस रूट पर रजिस्ट्रेशन के दौरान उनकी उपजाऊ बागबानी जमीन को गैर उपजाऊ दिखाया गया है। जमीन के भुगतान के समय इसका किसानों को नुकसान होगा। इसलिए इस गलती को तुरंत सुधारा जाना चाहिए। किसान भुगतान का तरीका और रेट जानने की मांग कर रहे हैं।
मंदिरों के विस्थापन को रोका जाएं
ग्रीनफील्ड हाइवे के कारण आड़गांव क्षेत्र में मनुदेवी मंदिर और पीर मंदिर को विस्थापित करना होगा। इसलिए मंदिर प्रशासन ने इस विस्थापन का विरोध किया है। मंदिर प्रशासन ने मांग की है कि उसी स्थान पर मंदिर का पुनर्विकास किया जाए। इन सभी मांगों को स्वीकार किया जाना चाहिए। प्रकाश शिंदे, शिवसेना के उप महानगर प्रमुख सुनील जाधव, विनायक कांड़ेकर, प्रदीप कांड़ेकर, तानाजी जाधव और परियोजना प्रभावित किसानों ने सांसद गोड़ेसे से मांग ऐसी मांग की है।
चुनाव से पहले राज्यमार्ग का विरोध
नाशिक महानगरपालिका चुनाव फरवरी महीने में होने वाले हैं। इससे पहले महानगरपालिका में सत्ता में रही भाजपा ने विभिन्न विकास कार्यों को रोक दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी पिछले महीने दौरे पर थे। उन्होंने इस बार घोषणाओं की बौछार कर दी। इससे निश्चित तौर पर कहीं न कहीं भाजपा को फायदा होगा। अब महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड राजमार्ग का विरोध किया जा रहा है। इसकी शिकायत किसानों ने शिवसेना सांसद गोड़से से की है। इसका दुष्परिणाम आने वाले दिनों में अवश्य ही महसूस किया जाएगा।