Debris

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नासिक: इमारत निर्माण का मलवा नष्ट करने के लिए प्रकल्प को मुहूर्त न मिलने से नासिक शहर डेब्रिज सिटी (Debris City) की ओर बढ़ रहा हैं। विशेष यह है कि स्मार्ट सिटी (Smart City) के अंतर्गत हरित क्षेत्र बनाने के लिए जिस जगह का चयन किया गया है, वहां पर भी अब डेब्रिज के ढेर दिखाई देने से डेब्रिज सिटी पर मुहर लग गई है। स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Mission) के अंतर्गत पहले 10 शहरों में आने के लिए नासिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) के सामने डेब्रिज ढेर की चुनौती थी। शहर का विस्तार हो रहा है, लेकिन प्रदूषण भी बढ़ रहा है। इसलिए मूलभूत सुविधा का अभाव जिम्मेदार है।

स्वच्छ सर्वेक्षण में इसी मुद्दे से पहले 10 शहरों में नासिक शामिल नहीं हो पाया। इस पार्श्वभूमि पर डेब्रिज उठाने के लिए स्वतंत्र घंटागाड़ी नियुक्त करने का निर्णय लिया गया, परंतु दो बार टेंडर प्रक्रिया कार्यान्वित करने के बाद भी प्रतिसाद नहीं मिला। इसके बाद निर्माण व्यावसायिकों को मकान निर्माण की अनुमति देते समय डेब्रिज के लिए खर्च वसूल करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए विभागीय स्तर पर टोल फ्री क्रमांक उपलब्ध किया गया। साथ ही एक टन के लिए 800 रुपए दर निश्चित किए गए। विभागीय स्तर पर दो गाड़ी उपलब्ध की गई, परंतु यह योजना प्रत्यक्ष में कार्यान्वित नहीं की गई। 

अब डेब्रिज सिटी की ओर बढ़ रही 

कचरा डिपो में डेब्रिज जमा न करने से यह डेब्रिज खदान और कुएं में डालने का निर्णय लिया गया। निर्माणाधीन इमारत परिसर में डेब्रिज मिलने पर 10 गुना दंड वसूल करने का निर्णय लिया गया, लेकिन दोनों निर्णय पर काम नहीं किए जाने से स्मार्ट सिटी की रफ्तार अब डेब्रिज सिटी की ओर बढ़ रही है।

इन स्थानों पर डाला जा रहा डेब्रिज

  • पंचवटी अमरधाम के सामने।
  • नासिक के अमरधाम के पीछे। 
  • पंचवटी विभाग के धनवंतरी लॉन्स के पीछे। 
  • गोदावरी नदी और नासर्डी नदी के किनारे। 
  • वडाला गांव परिसर और पाथर्डी गांव।
  • औरंगाबाद महामार्ग, मुंबई-आगरा महामार्ग।
  • टाकली रोड (होटल मिरची के पीछे)।
  •  टाकली सिवरेज पंप परिसर में डेब्रिज डाला जा रहा हैं।