नाशिक. नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) में मरीज (Patient) की जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर गंगापुर थाने के मेडिसिटी अस्पताल (Medicity Hospital) पर मामला दर्ज किया गया है। यह जानकारी ऑडिट विभाग ने दी है।
नाशिक के गंगापुर रोड स्थित मेडिसिटी अस्पताल को माहानगरपालिका द्वारा कोविड अस्पताल के लिए अनुमति दी गई थी। लेकिन उन्होंने सरकार के निर्देश के अनुसार 80 प्रतिशत रोगियों के बिलों की जानकारी जांच के लिए उपलब्ध नहीं कराई। उन्हें अंतिम नोटिस दिया गया और बार-बार लिखित और मौखिक पत्र दिए गए लेकिन अस्पताल ने कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने जानबूझकर भुगतान की जानकारी नहीं दी एैसा ऑडिट विभाग का कहना है। मेडिसिटी अस्पताल के विरुद्ध ऑडिट विभाग में अब तक कोविड-19 के अधिक बिलों से संबंधित कुल 11 शिकायतें प्राप्त हुई थी। इस संबंध में अस्पताल की ओर से समय-समय पर नोटिस भी जारी किए गए, लेकिन समय पर अस्पताल की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला।
शिकायत के अनुसार जब सरकारी नियमानुसार जांच की गई तो 699500 रुपये का अंतर था। अस्पताल प्रबंधन की कार्रवाई सरकारी अधिसूचना में माहानगरपालिका कमिश्नर द्वारा दिए गए आदेश का उल्लंघन है और साथ ही प्रबंधक डॉ. मनोज कदम मेडिसिटी अस्पताल को अपने अस्पताल में बिस्तरों की कुल संख्या के बारे में जानकारी देने की आवश्यकता नहीं समझी। जहां कुल मरीजों के 80 प्रतिशत की दर से सरकार से भुगतान लेना अनिवार्य है, वहीं नियम से अधिक प्रभारित राशि का उल्लंघन नियंत्रक अधिकारी द्वारा किया गया है।
उन्हें समय-समय पर अधिसूचित किया गया था क्योंकि उन्होंने डॉ. मनोज कदम, प्रबंधक, मेडिसिटी अस्पताल के खिलाफ नोटिस स्वीकार नहीं किया था। संक्रामक रोग निवारण अधिनियम, 1897 की धारा 2 और 3, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 और धारा मुंबई नर्सिंग होम (संशोधन) अधिनियम, 2006 के 7 और 17 (2) गंगापुर पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए है।