Helmet Strict Campaign
File Photo

    Loading

    नाशिक: नाशिक (Nashik) में पुलिस कमिश्नर दीपक पांडेय (Police Commissioner Deepak Pandey) द्वारा शुरू किया गया हेलमेट सख्ती अभियान (Helmet Strict Campaign) पुलिसकर्मियों द्वारा ही उल्लंघित किया जा रहा है। हेलमेट सख्ती का बोझ केवल सामान्य नागरिकों पर ही बढ़ाया जा रहा है। इसको लेकर लोगों में आक्रोश है। खास बात यह है कि गुरुवार को पुलिसकर्मी (Policeman) पेट्रोल (Patrol) लेने के लिए आने वाले दूसरे लोगों को हेलमेट (Helmet)पहनाते नजर आ रहे हैं। 

    गौरतलब है कि नाशिक जिले में अगस्त में एक सड़क दुर्घटना में 9 लोगों की मौत हो गई थी। 9 मोटरसाइकिल चालकों में से किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था। अगर उन्होंने हेलमेट पहना होता तो शायद उनकी जान बच जाती। इस दुर्घटना को रोकने के लिए पुलिस कमिश्नर दीपक पांडेय ने स्वतंत्रता दिवस के बाद से शहर के सभी पेट्रोल पंपों पर ‘नो हेलमेट, नो पेट्रोल’ पॉलिसी शुरू की है। इसके बाद उन्होंने बिना हेलमेट के दोपहिया वाहनों की काउंसलिंग शुरू कर दी। उसके बाद शहर में सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में बिना हेलमेट के प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा, दमनकारी नियम जारी किया गया था। खास बात यह है कि ये सभी नियम आम आदमी के लिए हैं क्योंकि आज शहर में देखा जा रहा है कि पुलिस बिना हेलमेट पहने घूम रही है।

    भाग गया रंगेहाथ पकड़ा गया पुलिसकर्मी

    नाशिक के द्वारका इलाके में एक पेट्रोल पंप पर एक पुलिसकर्मी पेट्रोल भरने आया, लेकिन उसके पास हेलमेट नहीं था। बिना हेलमेट के पेट्रोल नहीं मिलता तो पुलिस ने पेट्रोल पंप पर गश्त कर रहे एक अन्य पुलिसकर्मी का हेलमेट ले लिया। पुलिस नायक कैलास भील ने हेलमेट उसे दे दिया। इसे सभी नागरिकों ने देखा। कुछ सतर्क नाशिक निवासियों ने इस घटना पर आपत्ति जताई। पुलिस ने तब दावा किया कि हेलमेट उन्हीं का है। फिर नागरिकों ने पूछना शुरू किया कि आपने इसे एक तरफ क्यों रखा, आपने इसे दूसरों को क्यों दिया। तभी पुलिस ने शोर मचाया और फरार हो गया।

    क्या पुलिस कमिश्नर कार्रवाई करेंगे?

    नाशिक में पुलिस कमिश्नर ने हेलमेट लगाने का अभियान चलाया है। उनकी सराहना भी की गई, लेकिन अभियान काफी तनावपूर्ण चल रहा है। इसमें से बिना हेलमेट के वाहन चालकों को पेट्रोल देने वाले पंप चालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस कमिश्नर ने चेतावनी दी कि बिना हेलमेट के कार्यालय में प्रवेश करने वाले कार्यालय प्रमुखों के खिलाफ भी हम आरोप दाखिल करेंगे। लेकिन शहर में कहीं भी पुलिस हेलमेट पहने नजर नहीं आ रही है। दक्ष नाशिक निवासी पूछ रहे हैं कि क्या यह अभियान केवल आम जनता के लिए है, पुलिस को इससे छूट क्यों है, क्या कमिश्नर इन पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।