नाशिक : जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 11 करोड़ रुपए की दवा (Medicine) खरीदी जानी है। सरकार (Government) द्वारा तय की गई रेट से अधिक रेट कॉन्ट्रैक्टर ने प्रशासन (Administration) को बताई थी। इस पर सदस्यों द्वारा एतराज जताए जाने के बाद अब प्रशासन ने अधिक रेट वाली दवाइयों के लिए नये रूप में गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल के जरिए रेट मंगाने का निर्णय लिया है। जिला योजना समिति ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कोरोना की दवाइयां और संबंधित सामान की खरीदारी के लिए 11 करोड़ 50 लाख रुपए का फंड मंजूर किया था। इसके जरिये ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को 35 तरह की दवाइयां उपलब्ध कराई जाएगी।
इसके लिए विभिन्न दवा कंपनियों से दवाइयों की रेट मंगाई गई थी। इसके बाद जिला परिषद दवा समिति की तरफ से इसकी दर निश्चित किए जाने के बाद इसकी मंजूरी के लिए इसे जनरल बॉडी में रखा गया था। सरकारी हॉस्पिटल के लिए दवाइयां खरीदते वक्त सरकार द्वारा तय की गई रेट संस्था द्वारा निश्चित की गई थी। लेकिन नाशिक जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग ने सरकार द्वारा तय की गई रेट से दस फीसदी अधिक रेट पेश करने वाली कंपनी का प्रस्ताव जनरल बॉडी में मंजूरी के लिए रखा था। दवा खरीदारी के दौरान एंटीजेन टेस्ट किट खरीदने में स्वास्थ्य विभाग ने दो करोड़ रुपए बचाने की जानकारी सार्वजनिक की थी। लेकिन 35 दवाइयों में 15 दवाइयों की रेट सरकार द्वारा तय की गई रेट से अधिक थी।
विभाग से प्राप्त कर पेश करनी होगी
इस वजह से सदस्या मनीषा पवार और डॉ. आत्माराम कुंभार्डे ने बार-बार इसका विरोध किया। इसे लेकर जनरल बॉडी में जमकर हंगामा भी हुआ था। इस वजह से इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी गई। नियमों का उल्लंघन न हो इसलिए संस्था का रेट सरकार द्वारा तय की गई रेट से 10 फीसदी अधिक होने पर ऐसी दवाइयों को फिर से गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल पर डालकर नई रेट मंगाने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में अब फिर से दवाइयों की खरीदारी के लिए नई रेट विभाग से प्राप्त कर पेश करनी होगी।