चलती वाहनों में आग लगने की बढ़ी घटनाएं, 11 महीने में 47 गाड़ियों में लगी आग

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    नासिक : चलते वाहनों में आग (Fire) लगने की घटनाएं दिन ब दिन बढ़ रही है, जिसमें बाइक (Bike) और चार पहिया (Four Wheeler) वाहनों की संख्या अधिक है। पिछले 11 महीने में सड़क पर चलने वाले 47 वाहन आग लगने से जलकर खाक हो गए है। वाहनों में विभिन्न प्रकार के दोष और दुर्घटना के चलते घटनाएं बढ़ने की बात गैरेज चालक और दमकल विभाग कर रहा है। एक साल में चलते वाहनों में एकाएक आग लगने की घटनाएं बढ़ गई है, जिसमें 6 और 7 महीने में लगातार यह घटनाएं विभिन्न परिसर में सामने आ रही है। कुछ दिन पहले औरंगाबाद रोड पर दुर्घटना के चलते चलती लग्जरी बस को आग लगने से 13 यात्रियों की झुलसकर मौत हुई थी। वाहनों में आग लगने की घटनाएं बढ़ने से वाहन चालकों में डर का माहौल है। इस घटना के लिए वाहनों में विभिन्न दोष जिम्मेदारी होने की बात की जा रही है। साथ ही वाहनों में बैटरी, सीएनजी, एलपीजी गैस किट होने से आग लगने की घटनाएं बढ़ गई है। सड़क दुर्घटना के चलते भी वाहनों में आग लग रही है। पिछले 11 महीने में मुंबई-आग्रा रोड, मुंबई नाका, द्वारका चौक, जिला अधिकारी कार्यालय के सामने, औरंगाबाद रोड आदि विभिन्न जगह पर 47 चलते वाहनों में आग लगी है। 

    इस प्रकार है आग लगने के कारण

    वाहन तैयार करते समय बैटरी और सीएनजी गैस फिटिंग सही तरह से न करना। बैटरी का पॉइंट और उस पर लगाई जाने वाली वायर के लूज कनेक्शन और वायरिंग में शॉर्ट सर्किट होने से वाहनों में आग लगती है। वाहनों में लगाए जाने वाले गैरकानूनी गैस किट, रफ्तार पर नियंत्रण न होने से दुर्घटना के बाद वाहनों में आग लग रही है। 

    इस प्रकार बरतें सावधानी

    कंपनी द्वारा वाहनों की दोबारा जांच करें। विशेषज्ञों ने वाहन का ट्रायल ले। समय-समय पर वाहनों का मेंटेनन्स करें। कूलर की जांच करें। रेडिएटर में होने वाले पानी की जांच करें। गैरकानूनी गैस फिटिंग किट या सीएनजी किट का उपयोग न करें। 

    महीने निहाय लगने वाले वाहनों की जानकारी                      

    महीने        दुर्घटना की संख्या
    जनवरी 7
    फरवरी                2
    मार्च 7
    अप्रैल 9
    मई   6
    जून  1
    जुलाई                
    अगस्त                1
    सितंबर                          5
    अक्टूबर              4
    नवंबर    5