दिंडोरी. तहसील (Tehsil) में कुछ हिस्सों में सड़कों (Roads) की हालत इतनी खस्ता हो गई है कि यहां गढ्ढों (Potholes) की छलनी बन गई है। उबड़-खाबड़, असमान और संकरी सड़कों के कारण दुर्घटनाओं (Accidents) की संख्या बढ़ गई है। तालुका का पश्चिमी छोर, जिसे 56 गांवों (Villages) के तहसील के रूप में जाना जाता है। गुजरात (Gujarat) राज्य से जुड़ा हुआ है। महाराष्ट्र (Maharashtra) और गुजरात के बीच व्यापारिक संबंध (Trade Relations) हैं।
परिवहन के माध्यम से सैकड़ों वाहन आते-जाते है। इसके अलावा, लखमापुर, पालाखेड़ तहसील में एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। वहीं तहसील के कुछ क्षेत्रों में कुछ औद्योगिक कंपनियां हैं, यहां परिवहन व्यवस्था बड़ी संख्या में कार्यान्वित है। सड़कें विकास का एक बड़ा साधन है। यदि सड़कें परिवहन के लिए अच्छी हैं, तो व्यावसायिक विकास में वृद्धि होती है। सड़क हादसों, और हो रही मौतों के कारण इस रुट पर चलने वाले वाहन चालक परेशान हो रहे हैं। गांव को गांव से जोड़ने वाली सड़कों की हालत तो ठीक है लेकिन मुख्य सड़कों की हालत संतोषजनक नहीं है।
नाशिक दिंडोरी, दिंडोरी कलवण, दिंडोरी पेठ, दिंडोरी सापुतारा को परिवहन के लिए प्रमुख सड़क माना जाता है, लेकिन लगातार हो रहे हादसे चिंताजनक हैं। कुछ समय पहले, दहंडोरी नाशिक सड़क फिसलन का केंद्र बन गया था। दोपहिया और चार पहिया वाहनों के पलटने की संख्या भी बढ़ गई थी। तहसील के निवासी सड़कों की स्थिति में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं जो परिवहन व्यवस्था की आत्मा हैं क्योंकि कुछ जगहों पर सड़कों की हालत बहुत खराब है, कुछ जगहों पर पक्की सड़कों के होते हए भी चलना मुश्किल है।