बढ़ रही है स्किझोफ्रेनिया बीमारी की संख्या, जिले में 21 हजार मरीज

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    नाशिक : आसानी से ध्यान में ल आने वाले और मानसिकता से संबंधित होने वाले स्किझोफ्रेनिया बीमारी (Schizophrenia Disease) के मरीजों (Patients) की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है।  जिले में इस बीमारी के 21 हजार मरीज होने की संभावना स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने व्यक्त की। जनजागृति (Public Awareness) के अभाव में 50 प्रतिशत नागरिकों को पता भी नहीं है कि वह इस बीमारी के शिकार हुए है। स्किझोफ्रेनिया यह गंभीर रूप की मानसिक बीमारी है। युवा स्थिति में इस बीमारी की शुरुआत होती है। परंतु, कई नागरिकों के ध्यान में यह बीमारी नहीं आती है। इस बीमारी के प्रमुख लक्षण आभास होना, हड़बड़ा (Panic) जाने और बर्ताव पर परिणाम आदि है। परंतु यह लक्षण तीव्र न होने से बीमारी के बारे में पता नहीं चलता है। वैश्विक स्वास्थ्य संगठन द्वारा किए गए निरीक्षण के तहत एक हजार व्यक्ति के पीछे तीन नागरिक स्क्रिझोफेनिया बीमारी के शिकार होते है। नाशिक जिले की आबादी 70 लाख है। इसके तहत 21 हजार मरीजों को यह बीमारी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। परंतु आधे ही मरीज आज की स्थिति में उपचार ले रहे है। तो आधे मरीजों को बीमारी की जानकारी नहीं है। 

    840 मरीजों के लिए एक डॉक्टर

    इन मरीजों के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा नहीं है। औसत 840 मरीजों के पीछे एक डॉक्टर है। नाशिक जिला सरकारी अस्पताल में ऐसे मरीजों के लिए 10 बेड आरक्षित है। आडगांव वैद्यकीय महाविद्यालय और एसएमबीटी वैद्यकीय महाविद्यालय में प्रत्येकी 30 बेड आरक्षित है। जिले में ऐसे मरीजों के लिए कुल 150 बेड तो 25 डॉक्टर्स उपलब्ध है। मरीजों की तुलना में यह प्रमाण बहुत ही कम है। ऐसे मरीजों को अधिक तकलीफ हुई तो उन पर उपचार करना जरूरी होता है। 

    जिले में इस बीमारी के 21 हजार मरीज हो सकते है। फिर भी इस बीमारी को लेकर जनजागृति का अभाव है। डॉक्टरों की उपलब्धता के साथ स्वास्थ्य सुविधा भी सक्षम करने की जरूरत है। : (डॉ. निलेश जेजुरकर, मानसोपचार विशेषज्ञ, जिला सरकारी अस्पताल)