अनिश्चितकालीन हड़ताल: मालेगांव में दूसरे दिन भी दिया गया समर्थन

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मालेगांव : राज्य के 18 लाख सरकारी (Government) – अर्द्ध सरकारी कर्मचारियों (Semi Government Employees) की राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike) को मालेगांव (Malegaon) में समर्थन मिल रहा है। यह हड़ताल से पड़े असर को राज्य सरकार ने बड़ी ही अच्छी तरह से समझा है। सरकार ने अपनी तरफ से इस हड़ताल में शामिल संगठनों को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन सरकार ने अपने अभियान में सफल नहीं हो पाई। राज्य के सभी सर्व कर्मचारी एक स्वर से पुरानी पेंशन लागू करने की मांग पर कायम हैं। हड़ताल करने वाले कर्मचारियों ने एक स्वर से कहा है कि उन पर मेस्मा लगाया तब भी वे मांग पूरी होने तक अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे।  

मालेगांव तहसील के सभी क्षेत्रों के कर्मचारियों ने मालेगांव तहसील कार्यालय पर धरना दिया। हड़ताल के दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए। तहसील के विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक नेताओं ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए अपना मजबूत समर्थन व्यक्त किया है। मालेगांवकर मलागा संघर्ष समिति के निखिल पवार, बारा बलुतेदार संघटनेचे संस्थापक अध्यक्ष बंडूकाका बच्छाव, शेखर पगार ने धरना स्थल का दौरा किया और कर्मचारियों की भावनाओं को समझते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त की। 

आंदोलन के मौके पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अनंत भोसले, दिनेश ठाकरे, उद्धव बाला साहेब शिवसेना के नेता डॉ. अद्वय हिरे ने धरना स्थल का दौरा किया और हड़ताल को अपना पूरा समर्थन दिया, राज्य सरकार  की ओर से जारी की गई अध्ययन समिति के आदेश की प्रति भी इस दौरान जलाई गई। उल्लेखनीय है कि सुबह दस बजे ही सभी शासकीय, अर्धसरकारी कर्मचारी, स्वास्थ्य, राजस्व, कृषि, जिला परिषद, पंचायत समिति के कर्मचारी, कनिष्ठ महाविद्यालय शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, गैर शिक्षक कर्मचारी तहसील कार्यालय में एकत्रित हो गए।

पुरानी पेंशन योजना को लागू करने से इंकार करने वाली पार्टी और सरकार का बहिष्कार करें, हमारे विधायक और सांसद पेंशन पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें, जो पेंशन देने से इनकार करते हैं, उन्हें आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदान न करने की घोषणा की।

- निखिल पवार, हम मालेगांवकर विधायक संघर्ष समिति।