Inspection of Zilla Parishad Schools and Health Centers

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    यावल. मंगलवार को पंचायत राज समिती जलगांव से विदगाव मार्ग होते हुए जिस समय यावल आ रही थी, रास्ते में रुक कर डांभुर्णी में जिला परिषद मराठी स्कूल का दौरा करके कामकाज का निरीक्षण किया और वर्ग चौथी के बाद पांचवी की क्लास क्यों शुरु नहीं किया गया यह सवाल संबंधित शिक्षकों से पूछा। डांभुर्णी जिला परिषद स्कूल के पास रास्ते पर मिट्टी युक्त कीचड़ में पंचायत राज समिती का वाहन फंस गया। साथ ही पंचायत राज समिति का एक अन्य वाहन सुरक्षा दीवार से जा टकराया। स्कूलों में उपस्थिति न होने पर कई सवाल उठ रहे हैं।

    महत्वपूर्ण सवाल यह है कि पंचायत समिति समूह विकास अधिकारी और सभी कर्मचारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों पर ग्राम सेवकों द्वारा कितना ध्यान दिया जा रहा है। इससे हड़कंप मच गया है, खासकर जब से डांभुर्णी ग्राम पंचायत का सरपंच यहां मौजूद नहीं है, इसको लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पंचायत समिति समूह विकास अधिकारी और सभी संबंधित अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों पर कितना ध्यान दिया जा रहा है, इस पर एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया जा रहा है। उसके बाद पंचायत राज समिति ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से ग्रामीण अस्पताल के निर्माण का निरीक्षण किया। उसके बाद पंचायत राज समिति यावल पंचायत समिति कार्यालय पहुंची और अन्य सभी कार्यों की समीक्षा की और पूछताछ की।

    अपनी सुविधानुसार घटिया कार्य कर रहे हैं

    यावल तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्य बहुत खराब गुणवत्ता का है, कुछ जनप्रतिनिधियों के कुछ नए नवोदित ठेकेदार अन्य ठेकेदारों की ओर से काम कर रहे हैं। इसमें कुछ शिक्षक, जनप्रतिनिधि, कुछ पदाधिकारी, कुछ कार्यकर्ता, जिन्हें निर्माण का कोई अनुभव नहीं है, पंचायत समिति के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से प्रतिशत आवंटन कर अपनी सुविधानुसार घटिया कार्य कर रहे हैं।

    मीडिया भी अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहा है

    पंचायत राज समिति ने यह भी बताया कि यावल पंचायत समिति के समूह विकास अधिकारी और संबंधित अधिकारी यवल पंचायत समिति कार्यालय या तहसील में विभिन्न योजनाओं के काम के बारे में मीडिया को कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। सभी स्तरों पर जांच कर कार्रवाई की जाए। हर स्तर पर कहा जा रहा है कि पंचायत राज समिति अपना ध्यान इस बात पर केंद्रित करे कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को विभिन्न विकास कार्यों की जानकारी नहीं मिल रही है और मीडिया भी अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहा है।