Drone Technology
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    नाशिक. नाशिक जिले (Nashik District) में सितंबर माह में भारी बारिश (Heavy Rain) हुई। बाढ़ (Flood) प्रभावित क्षेत्र का तत्काल पंचनामा (Panchnama) आवश्यक है। राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री और जिले के पालक मंत्री छगन भुजबल (Guardian Minister Chhagan Bhujbal) ने सुझाव दिया है कि पंचनामा के दौरान कोई भी प्रभावित किसान (Farmer) वंचित न रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन तकनीक (Drone Technology) का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। 

    वह कलेक्ट्रेट में हुई समीक्षा बैठक में अतिवृष्टि से हुए नुकसान को लेकर बोल रहे थे। बैठक में प्रशासन को पंचनामे की रिपोर्ट जल्द से जल्द सरकार को सौंपने को प्राथमिकता देनी के निर्देश दिए गए, ताकि इससे किसानों को समय पर मुआवजा मिल सके।

    सूक्ष्म और तकनीकी प्रणाली से हो पंचनामा : भुसे

    ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से उपस्थित रहे कृषि मंत्री भुसे ने कहा कि फसल बीमा का लाभ ई-फसल सर्वेक्षण रिपोर्ट पर निर्भर करता है, ऐसे सूक्ष्म तकनीकी मामलों को ध्यान में रखते हुए पंचनामा किया जाना चाहिए। कोई भी पात्र किसान लाभ से वंचित न रहे, इसका ध्यान रखा जाए। भुसे ने कहा कि फसल बीमा कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों की तहसीलवार सूची सभी जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इसी प्रकार पटवारियों, ग्रामसेवकों, कृषि सहायकों सहित अधिकारियों और कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाए और पंचनामा को समय पर पूरा करने का प्रयास किया जाए। भुसे ने यह भी कहा कि SDRF की तर्ज पर पंचनामा पूरा कर चुके किसानों को सहायता राशि बांटी जाए।

    सूखाग्रस्त इलाकों के किसानों को मिले मुआवजा : झिरवाल

    विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरी झिरवाल ने कहा कि जिले के उन क्षेत्रों में भी पंचनामा आयोजित किया जाना चाहिए जहां बारिश नहीं हुई और इलाके सूखाग्रस्त रह गए। इससे किसानों को मुआवजा पाने में मदद मिलेगी। जिले में 2020-21 के साल में तौकते तूफान के चलते जून 2021 में फसलों, घरों, मनुष्यहानी ऐासे विभिन्न नुकसान के लिए जिले को कुल 28.69 करोड़ का अनुदान प्राप्त हुआ है। इसी तरह, जिले के 400 गांव हाल ही में आए चक्रवात से प्रभावित हुए हैं। डीएम सूरज मांढरे ने निर्देश दिया कि इन सभी क्षेत्रों के पंचनामा को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए फील्ड अधिकारी पूरी क्षमता से काम करें।

    7 और 8 सितंबर को हर्जाने का पंचनामा पूरा

    इसी तरह 7 और 8 सितंबर को हुई भारी बारिश से हुए नुकसान का पंचनामा पूरा कर फाइनल रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। दुधारू पशुओं में ढेलेदार चर्म रोग को भी मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। जिला कलेक्टर सूरज मांढरे ने कहा कि जिले में पशु चिकित्सा अधिकारियों की मदद से पशुओं का टीकाकरण करने की योजना बनाई जा रही है।

    येवला के किसानों को हुआ भारी नुकसान

    येवला तहसील के पूर्वोत्तर हिस्से में पिछले सप्ताह भारी बारिश हुई थी। इससे मक्का, प्याज, मूंगफली और सोयाबीन सहित फसलों को भारी नुकसान हुआ है। तहसील के किसान नुकसान की व्यापक जांच की मांग कर रहे हैं। येवला के विजय जेजुरकर ने मक्का लगाया था, जबकि रामनाथ देशमुख ने 3 एकड़ में प्याज लगाया था। इसमें उन्हें लगभग 60,000 से 70,000 रुपए का खर्च आया है, लेकिन भारी बारिश के कारण प्याज के खेतों में पानी जमा हो गया। डीएम ने ग्राम सेवकों और कृषि अधिकारियों की एक टीम को तहसील में भारी बारिश की तुरंत जांच के लिए नियुक्त किया है। तहसीलदार प्रमोद हिली ने आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से किसानों को तुरंत मदद दी जाएगी।

    12 साल में पहली बार इतनी बारिश

    नाशिक जिले का नांदगांव तहसील सूखे के लिए जाना जाता है। 12 साल में पहली बार यहां इतनी भारी बारिश हुई है। 12 घंटे में 121 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। बारिश ने किसानों के मुंह से पानी निकाल दिया है और खरीफ सीजन खत्म हो गया है। त्योहारी सीजन में एक बार फिर प्रकृति ने किसानों पर हमला बोल दिया है।

    अतिवृष्टि से हुआ फसलों का नुकसान

    लासलगांव के ब्राम्हणगांव, विंचूर, वेलापूर में वापसी की जोरदार बारिश हुई, इससे खेतों में पानी भर गया। फसल बर्बाद हुई। केदू न्याहरकर के 4 किलो लाल प्याज बीज, बालासाहब गवली के 14 किलो प्याज के बीज, सुनील गवली के 6 किलो गर्मी के प्याज बीज बर्बाद हुए। वेलापुर के अर्जुन पालवे, सौरभ कुटे, संजय कुटे, आप्पा पालवे, गणेश ठाकरे, मिलिंद पालवे, गणपत कुटे, कैलाश कुटे, अर्जुन शिंदे के सोयाबीन व मकई की फसल में पानी भरने से फसल बर्बाद होने की संभावना है। इन किसानों की तरह वेलापुर, ब्राम्हणगांव, विंचूर परिसर में जोरदार बारिश होने से सोयाबीन, मकई, प्याज बिज, हरीसब्जी का नुकसान हुआ।