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  • शहर की जटील पार्किंग निकाल रही है नागरिकों का पसीना
  • पुलिस कार्रवाई से खाली हो रही है नागरिकों की जेब

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नाशिक : शहर में वाहनों (Vehicles) के लिए पार्किंग (Parking) की व्यवस्था उपलब्ध करने की जिम्मेदारी महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) के मुखिया कैलास जाधव (Kailash Jadhav) की है, जिसे निभाने में वह नाकाम साबीत हुए है। शहर में पार्किंग के लॉट्स तैयार कर उस पर वाहन खड़े करने की व्यवस्था उपलब्ध न करने से शहर में सार्वजनिक जगहों पर वाहन खड़े किए जा रहे है।

महानगरपालिका कमिश्नर कैलास जाधव अपने मूलभूत कर्तव्य की ओर अनदेखी कर रहे है, जिसके खिलाफ कुछ संगठनों ने न्यायालय में गुहार लगाने की तैयारी की है। सड़कें, आरोग्य, वैद्यकीय सेवा, पथदीप और प्राथमिक शिक्षा आदि की व्यवस्था करना महानगरपालिका कमिश्नर कैलास जाधव का प्रमुख कर्तव्य है। साथ ही मूलभूत समस्याओं को हल करने की भी जिम्मेदारी उनकी है, जिसमें पार्किंग व्यवस्था भी शामिल है। पार्किंग स्थल के लिए शहर विकास प्रस्ताव में जगह आरक्षित की जाती है, जिसे कब्जे में लेकर महानगरपालिका पार्किंग स्थल आरक्षित करती है। लेकिन पिछले कुछ सालों से शहर में महानगरपालिका कमिश्नर ने पार्किंग के लॉटस्‌ या स्थल विकसित न करने से सार्वजनिक जगहों पर वाहन खड़े किए जा रहे है।

शहर में आज पार्किंग समस्या का मुद्दा जटिल बन गया है। दुपहिया और चार पहिया वाहन चालकों का आर्थिक नुकसान हो रहा है। क्योंकि पुलिस द्वारा वाहन टोइंग किया जा रहा है। यातायात सुचारू करने की जिम्मेदारी पुलिस की है। इसलिए इस कार्रवाई का कुछ हद तक समर्थन किया जा सकता है। लेकिन शहर में पार्किंग स्थल विकसित करने में महानगरपालिका प्रशासन के मुखिया कैलास जाधव नाकाम साबीत हुए है। इसके चलते नागरिकों का आए दिन पसीना निकल रहा है। साथ ही उनकी जेब भी खाली हो रही है।

महानगरपालिका कमिश्नर की अनदेखी, पुलिस की दंडात्मक कार्रवाई

शहर में पार्किंग स्थल उपलब्ध करने की जिम्मेदारी महानगरपालिका कमिश्नर कैलास जाधव की है। लेकिन वह इस ओर अनदेखी कर रहे है। सड़क पर वाहन खड़े होने से पुलिस प्रशासन दंडात्मक कार्रवाई कर रहा है। दंडात्मक कार्रवाई अधिक होने से नागरिकों में महानगरपालिका कमिश्नर कैलास जाधव की भूमिका को लेकर नाराजगी व्यक्त की जा रही है। महानगरपालिका और पुलिस यंत्रणा की अनदेखी के चलते नागरिकों को मानसिक और आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पार्किंग समस्या को लेकर कुछ संगठन न्यायालय में गुहार लगाने वाले है।

सर्वसमावेशक आरक्षण विकसित

कैनडा कॉर्नर, इंद्रकुंड और मुंबई नाका परिसर में एआर अंतर्गत अर्थात सर्वसमावेशक पार्किंग का आरक्षण महानगरपालिका ने विकसित किया है। लेकिन उस पार्किंग की जगह पर उपयोग नहीं हो रहा है। क्योंकि वाहनधारकों से सुरक्षित वाहन  खड़े करने के लिए पैसे खर्च नहीं करना चाहते है। परिणाम स्वरुप यातायात ठप हो रही है। स्मार्ट सिटी अंतर्गत ऑन स्ट्रीट और ऑफ स्ट्रीट पार्किंग उपलब्ध की गई है। लेकिन उस पार्किंग की जगह पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है। इसलिए यातायात ठप हो रही है। महानगरपालिका ने रविवार कारंजा परिसर में बहुमंजिल वाहन स्थल इमारत बनाने का निर्णय लिया। लेकिन आज तक कामकाज शुरू नहीं हुआ। परिणामस्वरूप शहर में वाहन खड़े करने के लिए जगह नहीं है। महानगरपालिका भी इस बारे में गंभीर नहीं है। उड़ान पुल और सड़कों पर करोड़ों रुपए का खर्च हो रहा है। लेकिन शहरवासियों के लिए जी का जंजाल बनी पार्किंग स्थल को ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।