Vaccination
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    नाशिक : पिछले एक साल से टीकाकरण अभियान (Vaccination Campaign) चल रहा है, लेकिन शहर में अभी भी ढाई लाख नागरिक ऐसे हैं, जो टीकाकरण कराने के लिए स्वास्थ्य केंद्र की सीढ़ियां भी नहीं चढ़ पाए हैं। ऐसे लोगों को कोरोना का खतरा अधिक है, यही वजह है कि वे अब दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रोन’ (Omicron) से ज्यादा डर रहे हैं। इस बीच, चिकित्सा विभाग को अब तक रिपोर्ट मिली है कि शहर में 55 फीसदी नागरिकों ने कोरोना की पहली खुराक ले ली है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद प्रशासन ने तीसरी लहर की जोरदार तैयारी शुरू कर दी है।

    पहली लहर में शहर में 76 हजार लोग कोरोना से प्रभावित हुए। एक हजार से अधिक नागरिक मारे गए, जबकि दूसरी लहर ने 1.5 लाख से अधिक नागरिकों को प्रभावित किया और 3,000 से अधिक मारे गए। शहर में अब तक 4,011 नागरिक मारे जा चुके हैं। महानगरपालिका क्षेत्र में 26 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हो गया था। महानगरपालिका  ने 18 वर्ष से अधिक आयु के 13 लाख 63 हजार नागरिकों को टीकाकरण के लिए निर्धारित किया था।  पिछले 11 महीनों में 11 लाख 87 हजार नागरिकों ने कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली है। शहर के 52 लाख नागरिकों ने एक भी खुराक नहीं ली है।

    पहली खुराक 55% 

    टीकाकरण की खुराक उपलब्ध नहीं थी, उस समय सुबह से ही नागरिक केंद्रों पर भीड़ लगा रहे थे। लेकिन, टीकों की उपलब्धता के बाद लोगों ने टीकाकरण से मुंह मोड़ लिया है। पहली खुराक लेने वाले नागरिकों की संख्या 11 लाख 87 हजार है, जबकि दूसरी खुराक लेने वाले नागरिकों की संख्या 7 लाख 48 हजार है। 97000 नागरिक हैं जिन्होंने पहली खुराक ली है लेकिन दूसरी खुराक के 84 दिन पूरे होने के बाद भी दूसरी खुराक नहीं ली गई है। लगभग 55% आबादी ने दोनों खुराक ले ली हैं।